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उमरिया: कुपोषिण बच्‍चों के लिए बने पोषण पुर्नवास केंद्र में गर्मी से बेहाल बच्‍चों के लिए जिला कलेक्‍टर ने अपने ऑफिस से निकलवा लगवाया AC


मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने आदिवासी इलाकों के कुपोषित बच्चों के लिए एक नई पहल की है. जिला कलेक्टर ने इन कुपोषित बच्चों के लिए अपने ऑफिस और मीटिंग हॉल के चार एसी निकलवा कर इसे कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्रों में लगवा दिए हैं. कलेक्टर स्वरोचिष के ऑफिस से निकाले गए ये AC उमरिया, पाली, मानपुर और चंदिया के पोषण पुनर्वास केंद्रों में लगाए गए हैं. जहां लोग कलेक्टर की इस नई पहल को देखकर काफी खुश हैं और उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.

कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी की इस नही पहल से लोग उनकी सादगी और समाज के प्रति समर्पण के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं. दरअसल, कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी हाल ही में जिले के सभी पोषण केंद्रों के निरीक्षण पर गए थे. जहां उन्होंने एनआरसी की स्थिती देखने के बाद यहां AC लगवाने और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने का निर्णय लिया.

बिना एसी के रह रहे जिला कलेक्टर
जिला कलेक्टर ने एनआरसी की स्थिति देखने के बाद एसी के ऑर्डर दिए, लेकिन अन्य विभागों की लेटलतीफी को देखते हुए उन्होंने अपने ही ऑफिस के एसी निकलावकर यहां लगवा दिए. जिसके बाद अब वह बिना एसी के ही गुजारा कर रहे हैं.

  AC अरेंज करने की कोशिश की, लेकिन इसमें देरी हो रही थी
ऑफिस से एसी निकलवा कर पोषण पुनर्वास केंद्रों में लगवाने पर कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी का कहना है कि 'यह एक सहज निर्णय था. एनारसी भवन के अंदर काफी गर्मी थी. जिसके लिए हमने AC अरेंज करने की कोशिश की, लेकिन इसमें देरी लग रही थी और हमें लगा कि एनआरसी में मौजूद लोगों को इसकी मुझसे ज्यादा जरूरत है, क्योंकि वहां बच्चे भी थे. ब्लॉक में चार एनआरसी हैं और हमने सभी चारों भवनों में एसी लगवा दिए हैं.'

शहडोल संभाग में 40 हजार से अधिक कुपोषित बच्चे
बता दें मध्य प्रदेश के पूरे शहडोल संभाग में 40 हजार से अधिक कुपोषित बच्चे हैं. वहीं अकेले शहडोल में 25 हजार से ज्यादा कुपोषित बच्चे हैं. जिसके चलते अक्सर पोषण पुनर्वास केंद्र में भारी तादात में लोग अपने बच्चों को लेकर आते रहते हैं, जिसके चलते जिला कलेक्टर ने यहां एसी लगवाने का निर्णय लिया.

  मीटिंग हॉल से भी निकलवा दिए AC
कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने आगे कहा कि 'हम लोगों से ज्यादा उन बच्चों को एसी की ज्यादा जरूरत थी, जो कुपोषण का दंश झेल रहे हैं. इसलिए मैंने चैंबर सहित मीटिंग हॉल के चारों एसी निकलवा कर एनआरसी में लगवा दिए.

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