जोधपुर : माता-पिता ने किया अपनी 3 साल की बच्ची का देहदान, बोले-बेटी का जीवन देश के काम आऐगा
जोधपुर (राजस्थान). जोधपुर एम्स में गुरुवार को तीन साल की बच्ची का देहदान किया गया। इतनी कम उम्र में देहदान का यह देश में पहला मामला है। यह देह जोधपुर रोडवेज डिपो में असिस्टेंट मैनेजर उम्मेद सिंह की मासूम बेटी ज्योति की थी। जो जन्म से ही दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित थी। गुरुवार सुबह उसका निधन हो गया।
ज्योति के इलाज के लिए उम्मेद सिंह ने हर संभव प्रयास किए। जोधपुर के अलावा कई शहरों में विशेषज्ञ चिकित्सकों को दिखाया। कोई फायदा नहीं हुआ तो उन्होंने उसे अहमदाबाद ले जाने का फैसला लिया, जहां 28 जून को उसका ऑपरेशन होना था। 3 जून को ज्योति की तबीयत बिगड़ी तो वे उसे जोधपुर एम्स ले आए। यहां डॉक्टर ने उसे कार्डियक अरेस्ट आना बताया। इसके बाद से वह एम्स के आईसीयू में वेंटिलेटर पर थी, जहां गुरुवार सुबह उसने अंतिम सांस ली।
हम पहले अंगदान करना चाहते थे
मूलत: गोटन निवासी ज्योति के पिता उम्मेद सिंह ने बताया कि हम उसके अहसास को हमेशा जीवित रखना चाहते थे, इसलिए पत्नी राजूकंवर से बात कर हमने उसके अंगदान का फैसला लिया। ताकि किसी और में हम अपने कलेजे के टुकड़े को महसूस कर सकें। डॉक्टर से बात करने पर पता चला कि जोधपुर में अंगदान की सुविधा नहीं है। इससे बेहद निराशा हुई, फिर हमने देहदान का निर्णय लिया, ताकि ज्योति की देह डॉक्टरी कर रहे बच्चों की पढ़ाई के लिए काम आ सके। दिल को सुकून है कि बेटी ज्योति का जीवन देश के काम आएगा।
यह देह बेहद महत्वपूर्ण है
एम्स एनाटोमी विभाग के सह आचार्य डॉ. आशीष नैय्यर ने बताया कि इतनी कम उम्र में देहदान का यह संभवतया पहला केस है। अब स्टूडेंट्स वयस्कों और बच्चों के शरीर के अंतर को बेहतर जान सकेंगे। पहले यह केवल किताबों और वीडियो से संभव था।
इस उम्र में अंगदान तो सुना, देहदान नहीं
इंदौर की महर्षि दधीची देहदान-अंगदान समिति के अध्यक्ष नंदकिशोर व्यास ने बताया कि देश में अब तक 3 साल की उम्र में अंगदान का एक मामला तो देखा है, लेकिन देहदान में यह पहला हो सकता है।