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बिजली आपूर्ति में वर्ष 2018 के मुकाबले हुआ उल्लेखनीय सुधार



प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2018-19 में विद्युत क्षेत्र में कई नये आयाम स्थापित किये गये हैं। इस वर्ष एक दिन में बिजली की अधिकतम सप्लाई 2658.69 लाख यूनिट की गई। अधिकतम मांग की आपूर्ति 5 जनवरी 2019 को 14 हजार 89 मेगावाट की गयी, जो प्रदेश में अभी तक का रिकार्ड है।

ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने बताया है कि प्रदेश में पंजीकृत श्रमिकों और संनिर्माण कर्मकारों के घरेलू संयोजनों के लिये 25 फरवरी और इसके बाद शुरू होने वाले बिलिंग चक्र से सरल बिजली बिल स्कीम को शामिल करते हुए 'इंदिरा गृह ज्योति योजना' लागू की गयी। योजना में पात्र उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर अधिकतम 100 रूपये का बिल दिया जा रहा है।

'इंदिरा किसान ज्योति' योजना में 10 हार्स पावर तक के स्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों को 1400 रूपये प्रति हार्स पावर के स्थान पर 700 रूपये प्रति हार्स पावर की फ्लेट दर से विद्युत आपूर्ति का निर्णय लिया गया है। साथ ही 10 हार्स पावर तक के मीटरयुक्त स्थायी पम्प कनेक्शन एवं अस्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों को भी पहले के बाकी बिजली बिल में 50 प्रतिशत की रियायत दी गयी है।

सौभाग्य योजना में प्रदेश के सभी बिजली विहीन 19 लाख 84 हजार घरों को दिसम्बर-2018 तक रोशन कर दिया गया है।

गत वर्ष की तुलना में अधिक विद्युत आपूर्ति

माह

वर्ष 2018-19

(मिलियन यूनिट)

वर्ष 2017-18

(मिलियन यूनिट)

वृद्धि प्रतिशत में

दिसम्बर

7895

7089

11.37

जनवरी

7607

6885

10.49

फरवरी

6362

5492

15.84

मार्च

6515

5705

14.20

अप्रैल

5959 (19-20)

5334 (18-19)

11.90

मई

6534 (19-20)

5792 (18-19)

12.80

राज्य शासन द्वारा एक हेक्टेयर तक भूमि वाले 5 हॉर्स पॉवर तक के कृषि पम्प के लिये अनुसूचित-जाति और अनुसूचित-जनजाति के कृषकों को मुफ्त बिजली एवं इसी वर्ग के बीपीएल श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं को 25 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है।

ट्रांसफार्मरों की उपलब्धता सुनिश्चित
पिछले वित्त वर्ष में मार्च-2019 तक 4637 वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कर एक लाख 75 हजार 655 केव्हीए की अतिरिक्त क्षमता निर्मित की गयी है। साथ ही एक लाख 15 हजार 184 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाकर 36 लाख 41 हजार केव्हीए की कुल क्षमता वृद्धि की गयी।

प्रणाली सुदृढ़ीकरण
विद्युत प्रणाली सु्दृढ़ीकरण में 33/11 के.व्ही. के 191 उप-केन्द्र, 33 के.व्ही. की 1783 किलोमीटर लाइन, 11 के.व्ही. की 23 हजार 617 किलोमीटर और निम्न-दाब लाइन की केबल में 18 हजार 152 किलोमीटर में परिवर्तन किया गया है। इससे बिजली प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार होगा।

घोषित शट डाउन और सुधार के समय में भी कमी आयी
घोषित और अघोषित बिजली शट डाउन के मामले में भ्री पिछले वर्ष के मुकाबले काफी सुधार हुआ है। बड़े शहरों में पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग शट डाउन की संख्या में ढाई हजार की कमी हुई है। प्रदेश के 8 बड़े शहर भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल में मई-2019 में जहाँ 2761 बार घोषित शट डाउन लिया गया, वहीं वर्ष 2018 में इन्हीं शहरों में 5,331 बार शट डाउन लिया गया। यही नहीं बेहतर प्रबंधन से शट डाउन के दौरान बिजली सुधार/मेंटीनेंस के समय में भी उल्लेखनीय कमी आयी है। वर्ष 2018 में मेंटीनेंस में लगने वाला औसत तीन से नौ घंटे तक का समय अब घटकर दो से चार घंटे तक हो गया है।

राजेश पाण्डेय

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