कमलनाथ सरकार लाएंगी ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का बिल, कर्मचारियों को मिलेगा 3 फीसदी बढ़ाकर भत्ता
भोपाल। प्रदेश के चार लाख से ज्यादा नियमित अधिकारियों-कर्मचारियों का कमलनाथ सरकार महंगाई भत्ता बढ़ाएगी। एक जनवरी 2019 से कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में तीन फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। वृद्धि के बाद इन्हें नौ की जगह 12 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। इसके अलावा बैठक में छतरपुर की हीरा खदान की नीलामी को स्वीकृति भी दी जाएगी। यह मामला काफी समय से लंबित था। बैठक में इसके अलावा ओबीसी आरक्षण में वृद्धि के अध्यादेश को मंजूरी देने के साथ विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले संशोधित विधेयक को स्वीकृति मिलेगी।
मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में सोमवार शाम पांच बजे के बाद कैबिनेट बैठक होगी। इसमें सामान्य प्रश्ाासन विभाग लोकसेवा में ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने संबंधी विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत करेगा। इसके बाद इसे विधानसभा के मानसून सत्र में पटल पर रखा जाएगा।
सरकार ने इससे संबंधित अध्यादेश के जरिए अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरियों में 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण दिया है। इसके हिसाब से सभी विभागों को अपने भर्ती नियमों में संशोधन करना है, जो अभी तक नहीं हुआ है। प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजातियों को 36 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है।
इसके साथ ही सवर्ण आरक्षण के क्रियान्वयन को लेकर गाइडलाइन भी 13 जून को तय हो सकती है। सामान्य प्र्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट उप समिति की पहली औपचारिक बैठक 13 जून को बुलाई गई है।
कई राज्य संविधान संशोधन से जुड़े इस प्रावधान को लागू कर चुके हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में इसे लागू करने की जगह मंत्रिमंडलीय समिति बनाई गई, जो तय करेगी कि इसे किस रूप में क्रियान्वित किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए आय संबंधी प्रमाण पत्र बनाने के अधिकार तो जिलों को दे दिए हैं पर राज्य में यह किस तरह से प्रभावी होगा, यह समिति की सिफारिश पर कैबिनेट तय करेगी।
किसानों पर दर्ज केस वापसी की रखेंगे रिपोर्ट
मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश के बाद किसानों के ऊपर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने के लिए अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट गृह मंत्री बाला बच्चन कैबिनेट में रख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने पिछली कैबिनेट बैठक में गृह मंत्री को इस संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इसके मद्देनजर गृह मंत्री और विधि मंत्री पीसी शर्मा ने शनिवार को बैठक कर 371 प्रकरणों की समीक्षा कर 207 मामले वापस लेना तय किया है।