मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा उत्कृष्टता के नवीन मापदंड स्थापित
पारेषण हानि 2.71 एवं पारेषण प्रणाली की उपलब्धता 99.59 प्रतिशत दर्ज
मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा वित्त वर्ष 2018-19 में न्यूनतम पारेषण हानि और अधिकतम पारेषण प्रणाली की उपलब्धता के नवीन मापदंड स्थापित किए गए हैं। ट्रांसमिशन कंपनी की पारेषण हानि विगत 6 वर्ष से लगातार तीन प्रतिशत से कम रही है, जो देश के बड़े भौगोलिक क्षेत्र की ट्रांसमिशन कंपनियों में सबसे कम है।
ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने बताया है कि वर्ष 2018-19 में मध्यप्रदेश की पारेषण हानि 2.71 प्रतिशत रही है जो कंपनी की स्थापना से अब तक की न्यूनतम है। इसी प्रकार कंपनी द्वारा गत वित्तीय वर्ष में 99.5 प्रतिशत की अधिकतम पारेषण प्रणाली उपलब्धता हासिल की है जो अब तक की सर्वाधिक है।
मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा 2.82 प्रतिशत पारेषण हानि तथा 98 प्रतिशत पारेषण प्रणाली की उपलब्धता का मापदंड तय किया गया है। कंपनी द्वारा लगातार बेहतर प्रदर्शन करते हुए लक्ष्य से अधिक उपलब्धि प्राप्त की गई है। उल्लेखनीय है कि पारेषण हानि कम होने से विद्युत का क्षरण भी कम होता है, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिलता है। विगत पाँच वर्षों में रही पारेषण हानि एवं पारेषण प्रणाली की उपलब्धता इस तरह रही-
वित्त वर्ष |
पारेषण हानि (प्रतिशत में) |
पारेषण प्रणाली की उपलब्धता (प्रतिशत में) |
2014-15 |
2.82 |
99.35 |
2015-16 |
2.88 |
98.16 |
2016-17 |
2.71 |
98.39 |
2017-18 |
2.75 |
99.15 |
2018-19 |
2.71 |
99.59 |
ऊर्जा मंत्री श्री सिंह ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए कंपनी के सभी अधिकारी-कर्मचारियों विशेषकर अति उच्च दाब उप केन्द्रों एवं लाइनों के रख-रखाव से जुड़े अमले की प्रशंसा की है।
राजेश पाण्डेय