पासपोर्ट बनाने के नाम पर हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी, भोपाल-इंदौर में लोग हुए शिकार
भोपाल। पासपोर्ट के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें मिलने के बाद विदेश मंत्रालय खोजबीन में जुट गया है। मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर सहित कुछ अन्य जिलों के लोग मिलते-जुलते नाम की वेबसाइट्स के झांसे में आकर पासपोर्ट फीस के नाम पर हजारों रुपए दे बैठे, उन्हें फर्जी अपाइंटमेंट भी दे दिया गया लेकिन जब वे पासपोर्ट कार्यालय पहुंचे तो उन्हें अपने ठगे जाने का पता चला।
इसमें पैसों के साथ उनके समय का भी नुकसान हुआ। विदेश मंत्रालय ने ऐसी वेबसाइट्स की शिकायत गृह मंत्रालय और सायबर सेल पुलिस में की है। हाल ही में पासपोर्ट कार्यालय में भोपाल और इंदौर के कुछ लोगों ने अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी की जानकारी दी। पासपोर्ट कार्यालय ने जब विदेश मंत्रालय को इससे अवगत कराया तो पता चला अन्य राज्यों में भी लोग इस तरह ठगी के शिकार हुए हैं।
देश के कई राज्यों में लोग पासपोर्ट ऑफिस की अधिकृत वेबसाइट्स से मिलते-जुलते नाम की फर्जी वेबसाइट्स पर आवेदन भरकर चार-चार हजार रुपए की फीस भी जमा कर बैठे। बाद में उन्हें पता चला कि वे धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं। शुरुआती तौर पर मंत्रालय को मिलते-जुलते नाम की चार-पांच वेबसाइट्स की जानकारी मिली है। उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए सायबर सेल में शिकायत की गई है।
एजेंट्स की भूमिका खत्म
बताया जाता है कि इस मामले में बड़ा गिरोह काम कर रहा है। पासपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया करीब पांच साल से काफी आसान और पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी है। इस कारण एजेंट्स की भूमिका पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इसके बावजूद कुछ दलाल और एजेंट्स अब भी लोगों की अज्ञानता का फायदा उठाकर गलत जानकारी देकर पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। संभवत: ऐसे ही लोगों ने अब फर्जी वेबसाइट्स के जरिए लोगों को ठगने का जरिया बना लिया है।
यह है प्रक्रिया
पासपोर्ट के लिए आवेदकों से विदेश मंत्रालय अपनी अधिकृत वेबसाइट पासपोर्ट इंडिया डॉट जोओवी डॉट इन पर आवेदन मंगाकर ऑनलाइन अपाइंटमेंट जारी करता है। इस पर आवेदक पहले लॉगिन आईडी बनाना होता है और उसके बाद अपने ईमेल पर उसे एक्टिवेट करने के बाद ही आवेदन करने की पात्रता मिल पाती है। विदेश मंत्रालय ने इसके लिए सामान्य श्रेणी के पासपोर्ट की फीस 1500 रुपए ऑर तत्काल श्रेणी के पासपोर्ट की 3500 रुपए फीस निर्धारित की है।
प्रदेश की क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी रश्मि बघेल ने स्वीकार किया कि इस तरह की शिकायतें उन्हें भी मिली हैं। उन्होंने बताया कि मामले की शिकायत सायबर सेल में कराई गई है, विदेश मंत्रालय की ओर से गृह मंत्रालय को भी इस फर्जीवाड़े की सूचना भेजी गई है। पासपोर्ट अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामले में विभाग की अधिकृत वेबसाइट की जानकारी विदेश मंत्रालय के होम पेज और वेबसाइट्स आदि पर भी हर समय उपलब्ध रहती है, इसलिए आवेदक इस बारे में सतर्कता बरतें।