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राजधानी के ऐतिहासिक दरवाजे बनेंगे टूरिस्ट फ्रेंडली, साइकिल से घूमकर देख सकेंगे धरोहरें


भोपाल। देश के तीन प्रमुख शहर चेन्नई, जयपुर और वाराणसी के बाद भोपाल को यूनेस्को के सिटी नेटवर्क के तहत शामिल करने की कवायद चल रही है। छह सप्ताह के अंदर भोपाल की तरफ से हेरिटेज और आर्ट को लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा। नगर निगम इंफ्रास्ट्रक्चर स्तर पर हेरिटेज संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कामों को बताएगा। वहीं, पर्यटन और संस्कृति विभाग द्वारा अपने-अपने प्रस्ताव भेजे जाएंगे। इसके बाद यूनेस्को की टीम निरीक्षण कर संभावनाओं को देखेगी।

नगर निगम द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर लेवल पर सात करोड़ रुपए की लागत से सदर मंजिल का रेनोवेशन किया जा रहा है। इसके अलावा ताजमहल के पास मौजूद तीन मोहरे दरवाजों का संरक्षण किया जा रहा है। अब भोपाल दरवाजे सहित अन्य दरवाजों के संरक्षण के लिए टेंडर निकाले जाएंगे। निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता के अुनसार निगम का प्लान तैयार किया जा रहा है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद अलग-अलग कामों के बाद टेंडर किए जाएंगे। इसके अलावा अलग-अलग एरिया में कनेक्टिविटी बढ़ाकर टूरिस्ट फ्रेंडली बनाया जाएगा। ताकि लोग साइकिल से घूम सकें और शहर में मौजूद धरोहरों से रूबरू हो सकें। बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली में यूनेस्को प्रतिनिधियों के समक्ष शहरों ने अपना-अपना प्रजेंटेशन दिया था। इसके बाद छह सप्ताह में प्रस्ताव मांगा गया था।
सदर मंजिल में भी होगा लिटरेचर फेस्टिवल

वर्तमान में ऐतिहासिक इमारत गौहर महल में आर्ट एंड कल्चर से संबंधित गतिविधियों की जाती हैं। भोपाल में जिस तरह बीते जनवरी महीने में लिटरेचर फेस्टिवल हुआ था, उसी तर्ज पर सदर मंजिल में भी लिटरेचर फेस्टिवल कराया जाएगा। प्रख्यात लेखकों व साहित्यकारों का मीट आयोजित किया जाएगा।
म्यूजियम की तरह विकसित होगा गोलघर

शाहजहांनाबाद क्षेत्र में मौजूदा ऐतिहासिक धरोहर गोलघर को म्यूजियम की तरह विकसित किया जाएगा। इसके अलावा मोती महल को विकसित कर इसके टेरिस पर होटल व काफी शॉप की व्यवस्था की जाएगी। अलग-अलग जगह होटल व कॉफी शॉप को हिस्ट्री और कल्चर का लुक दिया जाएगा। वहीं, निगम अपने प्रस्ताव में छोटे तालाब पर स्थापित की जा रही रानी कमलापति की प्रतिमा को प्लान में शामिल करेगा। क्योंकि यहीं पास में रानी कमलापति महल स्थापित है।
पुरानी किताबों की बनेगी लाइब्रेरी

बता दें कि नगर निगम द्वारा शुरू किए गए 'किताब घर' अभियान के तहत 17 हजार किताबें एकत्र हो चुकी हैं। फिलहाल किताबों और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबों को नरेंद्रदेव पुस्तकालय में रखवाया गया है। पुरानी किताबों के संग्रह के बाद लाइब्रेरी की शुरुआत होगी। इसका लाभ विद्यार्थी ले सकेंगे।
धरोहरों का संरक्षण करेंगे

सदर मंजिल के रिनोवेशन का बड़ा काम लगभग पूरा होने को है। इसके अलावा अन्य धरोहरों का भी संरक्षण करने का प्लान है। इसके लिए हमें फंड की आवश्यकता नहीं है। हमने जो किया है और जो करने वाले हैं उसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। यूनेस्को के क्रिएटिव सिटी नेटवर्क का टैग मिलना भोपाल शहर के लिए बड़ी बात होगी।

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