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लोकतंत्र के महात्यौहार पर झाबुआ में बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा


झाबुआ जिले में लोकसभा निर्वाचन-2019 के दौरान बुजुर्गों ने लोकतंत्र के इस महात्यौहार पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विधानसभा क्षेत्र थांदला में 88 वर्षीय धापूबाई, 90 वर्षीय सागरमल जैन तथा झाबुआ शहर की मेघनगर नाका निवासी 105 वर्षीय केसाबाई तथा 95 वर्षीय दल्लू कालू ने जोशो-खरोश के साथ अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मतदान के बाद इन बुजुर्गों ने मतदान केन्द्र में निर्मित रैम्प के चलते सुविधाजनक ढंग से मतदान कर पाने को लेकर खुशी जताई।

तीन पीढ़ियों ने एक साथ किया मतदान

झाबुआ जिले के विधानसभा क्षेत्र थांदला में श्रीरंग आचार्य ने पत्नी, बेटे तथा पोते-पोतियों सहित मतदान केन्द्र पहुँचकर लोकतंत्र के महायज्ञ में अपना योगदान दिया। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र पेटलावद के मगनलाल सोन ने भी अपनी तीन पीढ़ियों के साथ मतदान किया।

दिव्यांग महिला मतदाता का पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया

झाबुआ जिले के विधानसभा क्षेत्र पेटलावद की रहवासी दिव्यांग मतदाता पार्वती रूगा जब मतदान केन्द्र क्रमांक-109 पहुँचीं तो वहाँ मौजूद आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ने पुष्पहार पहनाकर उनका स्वागत किया। थांदला क्षेत्र के दिव्यांग मतदाता मैसूल निवासी बेडावली ने भी व्हील-चेयर की मदद से केन्द्र में पहुँचकर लोकतंत्र के पर्व में सहभागिता की।

लकवाग्रस्त मतदाता भी पहुँचे वोट डालने

लोकसभा निर्वाचन में झाबुआ विधानसभा की निवासी लकवाग्रस्त ऊषा दिक्कतों को दरकिनार कर रातीतलाई केन्द्र पर पहुँचीं और अपना वोट डाला। इसी प्रकार पेरालिसिस से ग्रस्त 76 वर्षीय श्यामबाबू ने भी मतदान किया। उन्होंने बतायाकि सहायक और व्हील-चेयर के इंतजाम के चलते ही उनके लिये वोट डालना मुमकिन हो सका है।

शुभांगी और शिवांगी ने पहली बार किया मतदान

पहली बार मतदान करने को उत्सुक शुभांगी रामावत परीक्षा के बावजूद इंदौर से वोट डालने रातीतलाई आईं थीं। वे इस मतदान के पहले अनुभव को लेकर काफी खुश दिखाई दीं। 18 साल की शिवांगी श्रीवास्तव और बरखा टांक ने भी पहली बार वोट डाला। दोनों ने मतदान केन्द्र पर लगाये गये सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी भी ली।

अन्य प्रदेशों में मजदूरी कर रहे लोग भी वोट डालने लौटे अपने गाँव

जिले से बाहर मजदूरी करने गये कई मजदूर केवल अपना वोट डालने के लिये ही गुजरात और राजस्थान से झाबुआ जिले के अपने गाँव वापस लौटे। राजकोट में मजदूरी करने वाले जगला और उनकी पत्नी हों या गुजरात से लौटे रमेश, मुकेश, मलु भी वोट डालने वापस घर आये थे। इन मजदूरों ने बताया कि जिले से गुजरात पहुँचे अधिकारियों ने उन्हें झाबुआ में 19 मई को मतदान की तारीख होने की बाबत बताया। अधिकारियों ने मजदूरों को समझाईश दी कि उनके मालिक उन्हें मतदान की तारीख का वेतन देंगे भले ही वे उस दिन झाबुआ जाने के कारण काम न कर सकें।

किड्स जोन में खेलते रहे महिला मतदाताओं के बच्चे

मतदान केन्द्रों में झूलाघरों के इंतजामों से महिलाओं को मतदान निश्चिंततापूर्वक करने का मौका मिला। नन्हें-मुन्ने बच्चे किड्स जोन में खिलौनों से खेलते रहे और महिला मतदाता बिना किसी दिक्कत के अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकीं। बसंती मचार और सुनीता पुरोहित सहित अन्य महिला मतदाताओं ने इन इंतजामों को लेकर खुशी जाहिर की।

शादी के मंडप की तरह सजाये गये आदर्श मतदान केन्द्र

झाबुआ जिले में बनाये गये आदर्श मतदान केन्द्रों पर उत्सव जैसा माहौल बनाने की हरचंद कोशिशें की गईं थीं। बूथ को शादी के मंडप की तरह सजाया गया था और रंग-बिरंगे गुब्बारे भी लगाये गये थे। मतदाताओं के बैठने के लिये कुर्सियों का इंतजाम था। क्यूलेस मतदान होने के चलते मतदाताओं को लाइन में लगने की जहमत नहीं उठानी पड़ी। आदर्श मतदान केन्द्र पर अपने मताधिकार का उपयोग करने आईं कमला पुरोहित और ऊषा जी ने आदर्श मतदान केन्द्रों की व्यवस्थाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने जो व्यवस्थाएँ की हैं वे सराहनीय हैं। बूथ पर किये गये इंतजामों को देखकर ऐसा लगा जैसे किसी शादी समारोह में आये हों।

महिलाओं ने किया 127 मतदान केन्द्रों का संचालन

लोकसभा निर्वाचन-2019 के लिये जिले में कुल 981 मतदान केन्द्रों में से 127 मतदान केन्द्रों का संचालन महिला शासकीय सेवकों द्वारा किया गया गया सफलतापूर्वक मतदान प्रक्रिया का संचालन करने वाली महिला पीठासीन अधिकारियों तथा मतदान अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक बताया कि चुनाव की डयूटी से शुरू में तो डर-सा लगा लेकिन पूरे आत्मविश्वास से काम करते हुए निर्विघ्न निर्वाचन संपन्न कराने में सफल रहे और इस दौरान किसी भी प्रकार की खास दिक्कत पेश नहीं आई।

मतदाताओं को सुनाया मधुर संगीत

जिले में नवाचार करते हुए मतदान केन्द्र-302 भूरीमाटी में मतदान करने आये मतदाताओं द्वारा अपनी बारी का इंतजार करने के दौरान उन्हें संगीत सुनाने के लिये माईक और डीजे लगाया गया था। मधुर संगीत के बीच अपनी बारी का इंतजार मतदाताओं के लिये एक सुखद अनुभव रहा।

 

नीरज शर्मा

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