मप्र के खजुराहो में बनेगा देश का पहला हीरा संग्रहालय व नीलामी सेंटर
भोपाल। राज्य सरकार देश का पहला हीरा संग्रहालय छतरपुर जिले के खजुराहो में बनाने जा रही है। इसके निर्माण को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इस संग्रहालय में 323 कैरेट के ऐसे हीरे रखे जाएंगे, जो टेस्टिंग के दौरान हीरा कंपनी रियो टिंटो को पन्ना जिले की हीरा खदान से मिले थे। इस संग्रहालय में हीरा नीलामी सेंटर भी रहेगा, जहां पन्ना की खदानों से निकले हीरे नीलाम किए जाएंगे।
खजुराहो के चंदेल कालीन मंदिरों को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक मप्र आते हैं। इसी को भुनाने के लिए राज्य सरकार खजुराहो में हीरा संग्रहालय खोलने जा रही है। साथ ही यह भी मंशा है कि मप्र के हीरों को विदेशी खरीदार आसानी से मिल सकें। इसके लिए पन्ना जिले का नीलामी सेंटर भी खजुराहो शिफ्ट करने की तैयारी है। इसे लेकर राज्य स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। खनिज विभाग के अफसरों की बैठकें भी शुरू हो गई हैं।
अब विभाग संग्रहालय निर्माण का प्रस्ताव तैयार करेगा। जिस पर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद काम शुरू होगा। संग्रहालय के लिए नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएमडीसी) 50 लाख रुपए की सहायता करने को तैयार हो गया है। एनएमडीसी मध्य प्रदेश के पन्ना की मझगवां खदान से भारत का एकमात्र संगठित हीरा उत्पादक उपक्रम है।
रियो टिंटो ने सौंपे 323 कैरेट के हीरे
पन्ना की हीरा खदान में टेस्टिंग कर चुकी हीरा कंपनी रियो टिंटो ने काम खत्म करने से पहले 323 कैरेट के हीरे राज्य शासन को सौंपे थे। ये हीरे बंद खदान में काम करते हुए कंपनी को मिले थे। इन्हीं हीरों को संग्रहालय में रखा जाएगा। रियो टिंटो ने वर्ष 2007 में पन्ना की बंद हीरा खदान में काम शुरू किया था और वर्ष 2015 तक लगातार काम करती रही।
पर्यटन विकास निगम भी करेगा सहयोग
खजुराहो में हीरा संग्रहालय बनाने में पर्यटन विकास निगम भी खनिज विभाग का सहयोग करेगा। अफसर बताते हैं कि खजुराहो अभी सिर्फ चंदेल कालीन मंदिरों की वजह से प्रसिद्ध है। हीरा संग्रहालय बनने के बाद खजुराहो में पर्यटन बढ़ेगा, जिसका फायदा निगम को मिलेगा। इसलिए निगम भी संग्रहालय बनाने में मदद करेगा।