भोपाल में दिग्विजय के सामने शिवराज का नाम
भोपाल। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का नाम भोपाल सीट से फाइनल होने के बाद भाजपा उनके सामने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उतारने की तैयारी कर रही है। रविवार को भोपाल से लेकर दिल्ली तक शिवराज के नाम पर चर्चा हुई। शिवराज ने भी प्रेस से बातचीत में कहा, "पार्टी जहां से कहेगी, मैं वहां से चुनाव लड़ लूंगा।" हालांकि, आखिरी फैसला सोमवार को दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति फैसला लेगी।
इसी तरह इंदौर में पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (ताई) की जगह किसी नए चेहरे की तलाश शुरू कर दी है। यहां मालिनी गौड़ और कैलाश विजयवर्गीय का नाम आगे आया है। इस पर भी भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व एक-दो दिन में फैसला ले लेगा।
राज्य की 14 सीटों पर मंथन: पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सांसद अनूप मिश्रा का मुरैना से टिकट कटने के बाद उनके ग्वालियर से भी उतरने की संभावनाएं लगभग खत्म हो गई हैं। रविवार को दिल्ली में प्रदेश की 14 सीटों के लिए प्रदेश के नेताओं की केंद्रीय नेताओं के साथ अलग-अलग बातचीत हुई। इसमें ग्वालियर सीट से पूर्व मंत्री माया सिंह और महापौर विवेक शेजवलकर का नाम सामने आया। इन दोनों में से ही किसी एक को पार्टी ग्वालियर से टिकट देगी।
खरगोन, धार और सागर के मौजूदा सांसदों का टिकट कटना लगभग तय हो गया है। बालाघाट और राजगढ़ सीट पर असमंजस बरकरार है।
इधर, कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके निवास पर मुलाकात करने से राजनीतिक अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया। गाेयल ने चौहान से लगभग आधा घंटे तक चर्चा की। इसके बाद गाेयल ने मीडिया से कहा कि वे अक्सर नेताओं से मिलते रहते हैं।
शिवराज क्यों : भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने रविवार को दिल्ली में शिवराज के नाम पर चर्चा की। विकल्प के तौर पर महापौर आलोक शर्मा और प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा का भी नाम आया। वीडी ने दिल्ली में नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की है। भोपाल समेत 14 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा हुई। सोमवार को केंद्रीय चुनाव समिति 6 सीटों पर फैसला लेगी। शिवराज ने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से करीब आधे घंटे बात की। प्रदेश संगठन स्थानीय स्तर पर प्रत्याशियों की नब्ज टटोल रहा है। माना जा रहा है कि राकेश ने बातचीत में शिवराज का पक्ष जाना है। अब वे इसे दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के सामने रखेंगे। इसके बाद शिवराज से जब पूछा गया कि वे दिग्विजय को कितना मजबूत कैंडिडेट मानते हैं तो उन्होंने कहा कि दिग्विजय बंटाढार रिटर्न हैं। पाकिस्तान की भाषा बोलने वालों को मैं नहीं जनता जवाब देगी। मुझे पार्टी जो आदेश देगी, मैं उसका पालन करूंगा।
दिग्विजय 26 मार्च से भोपाल में डेरा डालेंगे: दिग्विजय ने भोपाल से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। वे 26 मार्च से चुनाव तक भोपाल में डेरा डालेंगे। चुनाव प्रचार में जुटेंगे। उन्होंने मंत्री पीसी शर्मा को अपना चुनाव प्रभारी बनाया है। उनके चुनाव वॉररूम की जगह तलाशी जा रही है। दिग्विजय अभी दिल्ली में हैं। इधर, नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन ने पिता दिग्विजय के भोपाल से चुनाव लड़ने पर भाजपा को ट्वीट कर चुनौती दी।
फैक्ट : शिवराज और दिग्विजय 2003 में राघौगढ़ विधानसभा सीट के चुनाव में आमने-सामने थे। ये दिग्विजय का अंतिम चुनाव था, तब उन्होंने शिवराज को हराया था।
ताई के आड़े उम्र का फैक्टर : इंदौर में सुमित्रा महाजन ऐज फैक्टर के कारण उलझ गई हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को महाजन से बात करने का जिम्मा दिया गया है।इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पार्टी इंदौर में नया चेहरा दे सकती है। चर्चा में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और महापौर मालिनी गौड़ का नाम है, लेकिन इन विकल्पों के साथ पार्टी किसी नए नाम पर भी जा सकती है।
सुमित्रा महाजन: ग्वालियर में यशोधरा की राय जरूरी : तोमर के मुरैना से चुनाव लड़ने के कारण अब ग्वालियर में चेहरों को लेकर स्थिति तकरीबन साफ हो गई है। पार्टी महापौर विवेक शेजवलकर या पूर्व मंत्री माया सिंह पर दांव लगा सकती है। इस बीच यशोधरा राजे सिंधिया से एक बार बात जरूर की जाएगी। मुरैना से सांसद अनूप मिश्रा का टिकट एक दिन पहले ही पार्टी ने काटा है।