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बैठक में पूरी तैयारी के साथ आयें, समयावधि-पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने दिये निर्देश


 

    उज्जैन । मंगलवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर श्री शशांक मिश्र द्वारा समयावधि-पत्रों की समीक्षा बैठक ली गई। कलेक्टर इस दौरान सीएम हेल्पलाइन के विभिन्न विभागों से सम्बन्धित शिकायतों और समयावधि-पत्रों के निराकरण की समीक्षा कर रहे थे। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अधिकारी से कलेक्टर ने विभाग से सम्बन्धित एक प्रकरण के बारे में पूछा, जिसकी उन्हें जानकारी नहीं थी। कलेक्टर ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी अधिकारियों से कहा कि अगली बार से टीएल बैठक में अपने विभाग की पूरी तैयारी के साथ आयें।

    बैठक में जो अधिकारी मौजूद नहीं थे, उन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने कारण बताने के लिये कहा। टीएल में कलेक्टर ने उच्च शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, ट्रायबल वेलफेयर और श्रम विभाग की सीएम हेल्पलाइन में लम्बित शिकायतों की समीक्षा की और उनका निराकरण शीघ्र-अतिशीघ्र करने के निर्देश दिये।

समीक्षा के दौरान जिला पंचायत के ऐसे 8 प्रकरण, जिनमें अभी तक रिपोर्ट नहीं आई थी, उनकी तुरन्त रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश सीईओ जिला पंचायत को दिये। कलेक्टर ने कहा कि जिला पंचायत की एल-1 पर भी बहुत शिकायतें लम्बित हैं, इनका शीघ्र निपटारा किया जाये। आर्थिक कल्याण स्वरोजगार योजनाओं में अब तक की प्रगति की अद्यतन रिपोर्ट डीआईसी से मांगी।

कृषि विभाग की सीएम हेल्पलाइन में लम्बित शिकायतें एल-1 से एल-2 पर बिना कोई कार्यवाही के स्थानांतरित हो जाने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपके विभाग से सम्बन्धित कोई भी शिकायत बिना कार्यवाही के अगले स्तर पर स्थानान्तरित नहीं होनी चाहिये। जिला पंजीयक की एल-1 स्तर पर बहुत-सी शिकायतें काफी समय से लम्बित होने पर कलेक्टर श्री मिश्र ने नाराजगी व्यक्त की।

स्कूल शिक्षा विभाग की एल-2 पर लम्बित शिकायतों पर कलेक्टर ने कहा कि शिकायतों की मॉनीटरिंग ठीक तरह से की जाये तथा लम्बित शिकायतों का निराकरण बिना देरी के किया जाये।

निर्वाचन शाखा से लम्बित प्रकरणों को तुरन्त निपटाने के लिये कलेक्टर ने कहा। सौ दिनों से अधिक लम्बित शिकायतों का निराकरण तुरन्त करने के लिये कहा। जानकारी दी गई कि इनमें सबसे अधिक लम्बित शिकायतें कृषि विभाग की हैं तथा उसके बाद वित्त विभाग की 230, जीएडी की 89, नगरीय प्रशासन की 30 और श्रम विभाग की 16, जिनका निराकरण शीघ्र-अतिशीघ्र किया जाये।

 

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