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माता ही हो यदि अज्ञान, तो बच्चें कैसे बने महान



उज्जैन। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ पर शनिवार 9 मार्च को जिला स्तरीय महिला सम्मेलन का आयोजन हुआ। 
उपस्थित माता- बहिनों के सम्मान में उपक्षोन समन्वयक राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि गायत्री माता के प्रांगण में हम सब एकत्र हैं। गायत्री माता सद्ज्ञान की प्रदाता हैं, अर्थात देवी-देवताओं में सद्बुद्धि देने बाली गायत्री माता हैं और उनकी प्यारी बेटियाँ अज्ञानी बनी रहे यह तो दिया तले अंधेरा जैसा हुआ। अतः आप सब बहिनों से यही अनुरोध है कि अपने ज्ञान को बढ़ाईये। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ. गायत्री अटल ने संस्कार परम्परा के सबसे महत्वपूर्ण संस्कार पुंसवन/गर्भोत्सव के वैज्ञानिक पक्ष पर चर्चा करते हुए बताया कि यदि माता नहीं सोती तो अभिमन्यु चक्रव्यूह भेद कर बाहर आता। माताओं को हर दम सजग रहना चाहिए गर्भावस्था में तो हजार गुनी सतर्कता बरतनी चाहिए। आहार-बिहार की, मानसिकता की, वार्तालाप में सभी जगह सजग-सतर्क रहकर वांछित संतान पाई जा सकती है। सम्मान की श्रृंखला में वरिष्ठ बहिन कौशल्या देवी एवं बाल संस्कार शाला के लिए समर्पित रेखा वर्मा को साड़ी श्रीफल और मंगल तिलक लगाकर सम्मानित किया गया।
यहाँ पर सुबह यज्ञ के साथ सामूहिक पुसंवन संस्कार में 7 बहिनों का संस्कार कराया गया। नगर के सभी महिला मंडलों की वरिष्ठ बहिनों की उपस्थिति में गायत्री शक्तिपीठ पर प्रति पूर्णिमा को सामूहिक पुसंवन संस्कार आयोजन करने, नर्सिंग होम एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों के क्लिनिकों/आंगनबाड़ियों पर भी मासिक या त्रैमासिक सामूहिक पुसंवन संस्कार आयोजन कराने के लिए व्यवस्था करने, गर्भवती महिलाओं को संस्कार की महत्ता बताने के लिए कार्यशालाओ का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। 8 मार्च को जिले की सभी तहसीलों के महिला मण्डलों ने इसी तरह के आयोजन करके पुंसवन संस्कार को प्रचलन में लाने के लिए प्रयास किए।
वहीं खाचरौद में शिव बालाजी मंदिर तालाब की पाल पर नारी शक्ति का सम्मान कर दीपयज्ञ का आयोजन किया।  महिला कुश्ती के क्षेत्र में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक विजेता स्वर्ण पदक विजेता नेहा सोलंकी, सोनिया शर्मा, चंचल पवार, प्रिंसी चौहान, श्रृद्धा भाट, कोच डॉ. श्यामसिंह चंद्रावत, ललिता शर्मा, केशर बाई, सरिता गौहर, महिमा बैरागी का स्वागत सम्मान, युग साहित्य देकर दुपट्टा पहनाकर किया गया। विधिक सेवा समिति द्वारा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार सक्सेना, न्यायाधीश पूजा मोर्य, न्यायाधीश विष्णु सोलंकी ने उपस्थित नारी शक्ति एवं पुरुष मंडल को कानून की जानकारी दी एवं नारियों पर होने वाले अत्याचारों एवं उनके अधिकारों पर प्रकाश डाला एवं उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की जानकारी दी गई।

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