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सूखी नदी और बंद फव्वारों के बीच शनिश्चरी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी


उज्जैन। सूखी नदी और बंद फव्वारों के बीच शनिश्चरी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। नववर्ष के पहले नहान पर प्रशासन की लापरवाही साफतौर पर देखने को मिली। जिसने श्रद्धालुओं की आस्था का आहत किया। शनिवार को त्रिवेणी घाट पर नहान के लिए आए श्रद्धालुओ को मुश्किल का सामना करना पड़ा। प्रशासन द्वारा लगाए गए फव्वारों में से अधिकांश बंद थे जिस वजह से उन्हें बंद फव्वारों से ही नहान करना पड़ा।  इसके बाद उन्होनें शनि मंदिर में दर्शन किए। विक्रम संवत की यह आखिरी शनिश्चरी अमावस्या ह। जिस वजह से इसका बहुत महत्त्व माना गया है। वर्ष की सबसे बड़ी अमावस्या होने के चलते अधिक संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने त्रिवेणी घाट पहुंचे। लेकिन यहां उन्हें ना तो क्षिप्रा में पानी मिला और ना ही नहान के लिए फव्वारों में उचित व्यवस्था। जिस वजह से श्रद्धालू परेशान होते रहे। शनि मंदिर में दर्शन के दौरान भी घुमावदार  बेरिकेडिग के चलते वे परेशान होते रहे। क्षिप्रा को सूखने से बचाने के लिए शासन ने हजारों करोड़ रूपए खर्च पाइप लाइन के जरिए क्षिप्रा को नर्मैदा से लिंक किया है बावजूद श्रद्धालुओं को नहान के लिए भी क्षिप्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है। 

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