कैदियों के लिए कैंटीन की मांग को लेकर गृहमंत्री को भेजा ज्ञापन
उज्जैन। म.प्र. की जेलों में बंद कैदियों को बाहरी खाद्य सामग्री पर प्रतिबंध के चलते हो रहे मानवाधिकारों के हनन पर रोक लगाकर कैंटीन स्थापित करने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश युवा शिवसेना गौरक्षा न्यास एवं अखिल भारत हिंदू महासभा द्वारा गृहमंत्री के नाम एक ज्ञापन पत्र प्रेषित किया।
प्रदेश अध्यक्ष मनीषसिंह चौहान ने पत्र में लिखा कि भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को बाहरी खाद्य सामग्री लेने पर प्रतिबंध लगाकर काला आदेश पारित कर मानवाधिकारों का हनन किया था। साल 2016 में भोपाल की जेल से सिमी के आतंकी भाग गए थे और अपनी नाकामी छुपाने के लिए सरकार ने यह तुगलकी निर्णय लिया। जबकि पूर्व में आदेश था कि कैदी अपनी वांछित सामग्री की सूची बनाकर जेल प्रशासन को दे सकते थे। लेकिन भाजपा सरकार की नाकामी इस व्यवस्था को लील गई और कैदी अमानवीय प्रताड़ना झेलते हुए जेलों में रह रहे हैं। कई बार बाहरी दवाईयां नहीं मिलने के कारण कई कैदी मर चुके हैं और कई मरने की कगार पर हैं। मध्यप्रदेश युवा शिवसेना गौरक्षा न्यास एवं अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मनीषसिंह चौहान के साथ गौरक्षा न्यास प्रांतीय उपाध्यक्ष हरि माली, महासभा के प्रांतीय महामंत्री कृष्णा मालवीय ने ज्ञापन प्रेषित करते हुए मांग की कि म.प्र. की समस्त जेलों में बंद कैदियों के मानवाधिकारों की रक्षा करते हुए समस्त जेलों में कैंटीन स्थापित करने अथवा बाहर से खाद्य सामग्री पूर्ववत लाने की अनुमति मिल सके इसके आदेश जारी करें।