कबाड़ से संवारे शहर के चैराहे, अब थ्री आर पर काम करेगी निगम
गीला कचरा-सूखा कचरे के बाद अब रिड्यूज, रियूज और रिसाइकिल पर जोर
उज्जैन। स्वच्छता मिशन के तहत गीला कचरा-सूखा कचरा की थीम के बाद निगम अब शहर को संवारने के लिए थ्री आर पर जोर देगी। जिसके चलते निगम वेस्ट मटेरियल को रिड्यूज, रियूज और रिसाइकिल करने पर जोर दे रहे है।
शहर के चैराहो, सड़को और बगीचों को संवारने के लिए निगम प्रशासन घरों और उद्योगों से निकलने वाले वेस्ठ मटेरियल अर्थात कबाड़ को रिसाइकिल करने पर जोर दे रही है। इसके लिए थ्री आर पर्यावरण के यार थीम पर काम किया जा रहा है। थ्री आर अर्थात रिड्यूज, रियूज और रिसाइकिल यानी कबाड़ को कम करना और उसका पुर्ननिर्माण और पुर्नपयोग पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके प्राथमिक चरण में निगम कबाड़ से कलाकृतियां तैयार कर रही है जिन्हें शहर के चैराहों पर लगाया जाएगा। हरिफाटक, महामृत्युंजय और शांति पैलेस चैराहों पर कबाड़ से बनी इन कलाकृतियांे को स्थापित भी कर दिया गया हैं। शहर के शेष मुख्य चैराहों पर भी ये कलाकृतियां स्थापित की जाएगीं। कबाड़ से बनी कलाकृतियां बेाहद आकर्षक है। जिनसें चैराहों की सुंदरता को चार चांद लग गए हैं।
गुजरात, महाराष्ट्र और बंगाल के कारीगरों की कारीगरी
कबाड़ से इन सुंदर कलाकृतियों को आकार गुजरात, महाराष्ट्र और बंगाल के कारीगरों ने दिया है। जो दिन रात मेहनत करके शहर को सुंदर बनाने में जुटे हुए है। हरिफाटक चैराहे पर झाडू लगाती महिला, शांति पैलेस चैराहे पर मोरों का जोड़ा और महामृत्युंजय द्वार त्रिशुल और डमरू चैराहों की सुंदरता बढ़ा रहे है। इन कलाकृतियों को फिलहाल तिरपाल से कवर करके रखा हुआ है। जिनका जल्द ही लोकार्पण किया जाएगा।