भारत देश में सबसे असहाय गौमाता और बेटी, लेकिन यह दोनों ही हमारा सम्मान भी
उज्जैन। हमारे देश में सबसे असहाय यदि किसी को माना जाता है तो एक गौमाता और दूसरी बेटी। क्योंकि बेटी को जिसके साथ ब्याह दिया जाता है वह अपना पूरा जीवन उसी के साथ उसी की सेवा में समर्पित कर देती है वैसे ही गौमाता को यजमान जिसे दान कर दे वह उसी की होकर रह जाती है। एक तरफ ये असहाय है तो दूसरी तरफ हमारा सम्मान भी है, हम सबकुछ बर्दाश्त कर सकते हैं गौमाता और बेटी की शान में गुश्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकते।
उक्त बात नीलगंगा हनुमान मंदिर प्रांगण में कर्मण्य कृष्ण सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीराम कथा ज्ञान गंगा में सोमवार को माता सीता की विदाई की कथा में अयोध्या निवासी संत जगन्नाथ महाराज ने कही। आपने कहा प्रेम में स्नेह की रस्सी में बांधकर ही भगवान को रखा जा सकता है। यही कारण रहा कि 6 महीने तक रामजी की बारात जनकपुर में रही। जब सीता माता की विदाई हुई तो उनकी माता ने नम आंखों से सीख देते हुए कहा पुत्री अपने ससुराल में अपने से बड़ो का आदर करना, सास ससुर और पति की सेवा करना। महाराजजी ने कहा बहु जिस ससुराल में सबका सम्मान करे और ससुराल में बहु का सम्मान हो तो वह घर जीते जी स्वर्ग का एहसास कराता है। समिति अध्यक्ष मिथिलेश गुप्ता (राधा दीदी) के अनुसार कथा में आज मंगलवार को चित्रकूट में राम भरत मिलन की कथा सुनाई जाएगी। कथा में मिथिलेश गुप्ता (राधा दीदी), दयाशंकर गुप्ता, समिति पदाधिकारी मोहन यादव, मोहनलाल कुमावत, जयसिंह दरबार, अर्जुनसिंह चंदेल, एसएन शर्मा, उमेश सेंगर, राजवीर बना, संतोष कपूर, नवलकिशोर मिश्रा, महिला समिति की मीना जोनवाल, कलावती यादव, उर्मिला शर्मा, अनुराधा, प्रेमबाई, सुमन प्रजापति, हिना, प्रीति गुप्ता आदि मौजूद रहे। पूजन आचार्य विजय कृष्ण ने कराई तथा संगीत कलाकार के रूप में बनवारी, हेमंत संजय थे।