श्रीमद्भागवत का प्रसाद है मन की प्रसन्नता- पं. व्यास
सुदामा चरित्र के साथ हुई भागवत कथा की पूर्णाहूति
उज्जैन। मुनिनगर पानी की टंकी के नीचे संकट मोचन हनुमान मंदिर प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन सुदामा चरित्र के साथ हुआ।
पंडित सुनील कृष्ण व्यास बेरछा मंडी ने सुदामा चरित्र की व्याख्या करते हुए कहा धन्य है वह सुदामा जो भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा भक्त था जिसने भगवान का भजन करने के लिए परमात्मा के सामने अपना सर्वस्व निछावर कर दिया। वहीं सुदामाजी श्री द्वारिकाधीश से मिलने द्वारिका गए भगवान श्री कृष्ण ने मित्रता की एक मिसाल प्रस्तुत किया। कहां गरीब निर्धन सुदामा और कहां द्वारिकानाथ श्री लक्ष्मीपति लेकिन परमात्मा ने ऐसी कृपा की अपने मित्र को अपनी बराबरी पर बिठाया। कथा में आज 7 दिन की कथा का सार बताया अंतिम शब्दों में पंडित व्यास ने कहा श्रीमद्भागवत का प्रसाद है मन की प्रसन्नता कथा सुनकर जीवन में प्रसन्नता आ जाए यही परमात्मा रूपी श्रीमद्भागवत का प्रसाद है। कथा के उपरांत महा आरती का आयोजन किया गया।