शासकीय सेवक समन्वय एवं ईमानदारी के साथ काम को अंजाम दें, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग मंत्री श्री यादव ने विभागीय अधिकारियों को दिये निर्देश
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से किया जाये
उज्जैन । मध्य प्रदेश शासन के पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग मंत्री श्री लाखनसिंह यादव ने उज्जैन प्रवास के दौरान रविवार 30 दिसम्बर को प्रात: सर्किट हाऊस में विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से करें। अधिकारी-कर्मचारी समन्वय एवं ईमानदारी के साथ अपने काम को अंजाम दें। शासन की मंशा अनुसार विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाये, ताकि विभाग का अच्छा मैसेज जाये।
पशुपालन एवं मत्स्य तथा मछुआ कल्याण मंत्री श्री लाखनसिंह यादव ने सर्किट हाऊस में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनके क्रियान्वयन के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की। पशुपालन के बारे में चर्चा कर जानकारी प्राप्त की कि किस क्षेत्र में किस-किस प्रकार की नस्ल के पशुओं का पालन किया जा रहा है। श्री यादव ने विभाग की योजनाओं की प्रगति के बारे में समीक्षा की, वहीं गोशालाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। पशुपालन के उप संचालक डॉ.एचव्ही त्रिवेदी ने बताया कि विभाग की योजनाओं की शत-प्रतिशत उपलब्धी हो गई है। मंत्री श्री यादव ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की। पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक डॉ.नरेन्द्र बामनिया ने विभाग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन जिले में 29 क्रियाशील पंजीकृत गोशालाएं और अनुदान हेतु 27 गोशालाएं हैं। इन गोशालाओं में कुल 6292 गोवंश उपलब्ध है। मंत्री श्री यादव को डॉ.बामनिया ने सुझाव दिया कि जिला एवं संभाग में गायों का अन्य जिलों में भेजा जाये, ताकि जहां पशुओं की कमी है, वहां पूर्ति हो सके। इसके बाद पशुपालन मंत्री श्री यादव ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की और विभाग में चल रही गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। मत्स्य विभाग के अधिकारी उप संचालक श्री एमके पथरोलिया ने बताया कि संभाग में 36 बड़े तालाब हैं। इसमें जिला पंचायत स्तर पर 202 जनपद पंचायत स्तर पर एवं 1540 तालाब ग्राम पंचायत स्तर पर हैं। मंत्री ने इन तालाबों के जलभराव के बारे में जानकारी प्राप्त की और मत्स्यपालन की समीक्षा की। श्री पथरोलिया ने अवगत कराया कि मत्स्यपालन में मछलियों के उत्पादन अधिक होने पर बाहर भेजी जाती है। अधिकांश उज्जैन, इन्दौर में मछलियों की खपत हो जाती है। संभाग में सबसे बड़ा गांधी सागर डेम से उत्पादित होने वाली मछलियों जैसे- कतला, राऊ आदि प्रजाति की मछलियों को कलकत्ता आदि स्थानों पर भेजी जाती है। मंत्री श्री यादव ने निर्देश दिये कि मछलियों का और अधिक उत्पादन हो, यह प्रयास किया जाये।
पशुपालन मंत्री श्री लाखनसिंह यादव ने उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित के अधिकारियों से चर्चा की और डेयरी में प्राप्त होने वाले दूध की मात्रा के बारे में जानकारी प्राप्त की। डेयरी के सीईओ श्री केके माहेश्वरी ने जानकारी दी कि दुग्ध संघ में प्राप्त होने वाले दूध से अनेक प्रकार के प्रोडक्ट बनाये जाते हैं। बनाये गये प्रोडक्ट इन्दौर-उज्जैन संभाग में विक्रय किया जाता है। डेयरी से दूध भी बाहर भेजा जाता है। डेयरी में घी, मावा, पेड़ा, मिल्क केक, रसगुल्ला, रबड़ी, पनीर आदि प्रोडक्ट तैयार कर मार्केट में सप्लाई किये जाते हैं। मंत्री श्री यादव ने दुग्ध संघ के विभिन्न संयंत्रों एवं तैयार होने वाले प्रोडक्ट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने दूध से तैयार प्रोडक्ट की प्रशंसा की और अधिकारियों को निर्देश दिये कि और अधिक प्रोडक्ट में बढ़ोत्री की जाये।