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ऋतुसंहारम और कुमारसंभवम् की मंत्रमुग्ध प्रस्तुति के साथ 3 दिवसीय शालेय कालिदास समारोह का समापन


 

    उज्जैन । शनिवार को महाकाल मन्दिर परिसर के महाकाल सभामंडप में लोक शिक्षण संचालनालय और स्कूल शिक्षा विभाग मप्र द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय नवदश कालिदास समारोह का समापन हुआ। गौरतलब है कि यह समारोह 27 दिसम्बर से आयोजित किया जा रहा था, जिसमें सम्पूर्ण प्रदेश के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं द्वारा महाकवि कालिदास पर आधारित चित्रकला, नृत्य नाटिका और श्लोक गायन की प्रस्तुतियां दी गई। बच्चों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर इन 3 दिनों में उज्जैन के प्रख्यात महाकवि कालिदास को आदरांजली व्यक्त की गई।

    कार्यक्रम में विधायक महिदपुर श्री बहादुरसिंह चौहान, उज्जैन दक्षिण विधायक डॉ.मोहन यादव और प्रो.बालकृष्ण शर्मा शामिल हुए। विधायक श्री चौहान ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम को और भव्य रूप में आयोजित करना चाहिये, ताकि हमारी संस्कृति और साहित्य का प्रचार-प्रसार होता रहे।

    विधायक डॉ.यादव ने कहा कि कालिदास समारोह का विशेष महत्व है। देवभाषा संस्कृत को ऐसे कार्यक्रम से और ख्याति मिलेगी तथा नई पीढ़ी का रूझान इस ओर बढ़ेगा। डॉ.यादव ने अपनी ओर से सभी को समारोह के सफल आयोजन की बधाई दी।

प्रो.बालकृष्ण शर्मा ने कार्यक्रम में कहा कि कालिदास समारोह का आयोजन प्रतिवर्ष बेहतर हो रहा है। पूरे राज्य से आये बच्चे कालिदास महाकवि की आराधना कला के विभिन्न माध्यमों से करने के लिये यहां आये हैं। कालिदास भारतीय संस्कृति की दीपशिखा हैं। कालिदास की रचनाओं को पढ़कर बच्चे हमारे देश के गौरव, कला और संस्कृति से परिचित होते हैं। इन रचनाओं को पढ़कर उनके कोमल मन में जो प्रभाव पड़ता है, वह चिरस्थाई होता है। कालिदास की रचनाओं से प्रेरणा लेकर पूरे राज्य से आये बच्चे वापस जाते हैं। भारतीय संस्कृति की जड़ों से हमारी नई पीढ़ी न केवल संस्कृत और कालिदास के माध्यम से ही निरन्तर जुड़ी रह सकती है।

    प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण डॉ.संजय गोयल ने समापन समापन समारोह में स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम विगत कई वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। विद्यार्थियों द्वारा 2 वर्गों में प्रस्तुतियां दी गई। सभी बच्चों ने इस 3 दिवसीय समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। श्री गोयल ने सभी बच्चों को नववर्ष और आने वाली परीक्षाओं के लिये शुभकामनाएं दी।

    डॉ.राजेन्द्र प्रकाश गुप्त ने समारोह का प्रतिवेदन वाचन किया। उन्होंने बताया कि इस समारोह के आयोजन के लिये 20 समितियों का गठन किया गया था। चित्रकला, श्लोकपाठ और नृत्य नाटिका में पूरे प्रदेश से आये कुल 230 प्रतिभागियों ने सहभागिता की।

    समापन समारोह में विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। सर्वप्रथम श्री मनोज द्विवेदी द्वारा संस्कृत में ईश्वर की वन्दना की गई। इसके बाद शासकीय उमावि माधव नगर के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वन्दना और मप्र गान प्रस्तुत किया गया। पाणिनी ज्ञानपीठ हायर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा महाकवि कालिदास की कविता ऋतुसंहारम्‌ द्वारा 6 ऋतुओं का सुन्दर वर्णन नृत्य के माध्यम से किया गया।

    इसके बाद शासकीय उमावि माधव नगर के विद्यार्थियों द्वारा देवी पार्वती के भगवान शिव को प्राप्ति और विवाह पर आधारित महाकवि कालिदास के नाट्य कुमारसंभवम् का मंत्रमुग्ध करने वाला मंचन किया गया।

    इसके पश्चात समारोह के पुरस्कार वितरण और प्रमाण-पत्र वितरण किया गया। श्लोकपाठ प्रतियोगिता कनिष्ट वर्ग में इन्दौर की भावना राजपूत तृतीय स्थान, ग्वालियर के महेश शर्मा द्वितीय स्थान, उज्जैन की जान्हवी भागवत प्रथम स्थान, श्लोकपाठ वरिष्ठ वर्ग में जबलपुर की लक्ष्मी पटेल तृतीय स्थान, गायत्री मोरे और सरला साकेत सतना द्वितीय स्थान और उज्जैन के केतन पौराणिक प्रथम स्थान पर रहे।

    नृत्य नाटिका प्रतियोगिता कनिष्ट वर्ग में तृतीय स्थान शासकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय जबलपुर संभाग द्वितीय स्थान, इम्पीरियल इंटरनेशनल स्कूल खाचरौद और प्रथम स्थान पाणिनी ज्ञानपीठ स्कूल होशंगाबाद ने प्राप्त किया। इसी प्रकार वरिष्ठ वर्ग में तृतीय स्थान शासकीय उमावि होशंगाबाद, द्वितीय स्थान शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई उमावि जबलपुर और प्रथम स्थान शासकीय उमावि माधव नगर ने प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में कनिष्ट वर्ग में प्रथम स्थान जबलपुर की दीक्षा बर्मन और वरिष्ठ वर्ग में उज्जैन के पुनीत कदवाले ने प्राप्त किया।

    कार्यक्रम का संचालन श्री संदीप नाडकर्णी और सुश्री पदमजा रघुवंशी ने किया और आभार प्रदर्शन श्री भरत व्यास द्वारा किया गया।                

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