उज्जैन। रिलायबल ग्रुप द्वारा महाकाल प्रवचन हाल में चल रही भागवत कथा की पूर्णाहुति पर...
धर्म
रूक्मणी विवाह पर झूमे श्रध्दालु
आज परीक्षित मोक्ष कथा के साथ होगा भागवत कथा का समापनउज्जैन। महाकाल प्रवचन हाल में चल...
गिरीराज को लगा छप्पन भोग, आज कृष्ण-रूक्मणी विवाह
उज्जैन। महाकाल प्रवचन हाल में चल रही भागवत में गुरूवार को भगवान गिरीराज को छप्पन भोग...
धर्म की रक्षा के लिए जन्में श्रीकृष्ण-पं. पाराशर
उज्जैन। धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए त्रेतायुग में भगवान कृष्ण ने जन्म लिया। जब-जब...
भक्क्षर रहित हृदय भागवत सुनने का अधिकारी- पं. राघवेन्द्र
उज्जैन। भागवत कथा एक कल्पवृक्ष है जिसके माध्यम से भक्ति, धन एवं सुख का मार्ग प्राप्त किया...
शरीर पंचायती धर्मशाला जिसे सभी को छोड़कर जाना-पं. पाराशर
उज्जैन। शरीर पंचायती धर्मशाला है इसे छोड़कर एक दिन सभी को जाना है। व्यक्ति जीवन में सद्कार्य ही...
हर काम को राम काज समझ कर करो सफलता मिलेगी-मां कनकेश्वरी देवी
उज्जैन। हनुमान जैसा भक्त इस धरा पर आज तक नहीं हुआ। हनुमान ने दक्षिण में समुद्र लांघने के लिए माता...
भगवान केवल भाव के भूखे- मां कनकेश्वरी देवी
श्रीराम कथा का समापन.दोपहर 12 से 4 बजे तक कथाउज्जैन। भगवान श्रीराम ने वन.वन भटक कर माता...
कल और परसों पर नहीं टालें कार्य-मां कनकेश्वरी देवी
84 लाख योनियों से निकल कर मनुष्य जीवन प्राप्त हुआउज्जैन। हमें मनुष्य योनी प्राप्त हुई...
श्रेष्ठ कर्म पूर्व जन्मों के पापों को धो देते हैं-मां कनकेश्वरी देवी
मन विशुध्द होने पर होता है परमात्मा का आंतरिक साक्षात्कार उज्जैन। तन के साथ मन का...
मिडिया इलेक्ट्रानिक मिडिया ने पूरे विष्व को एक सूत्र में बांधा.ज्ञानमती माताजी।
सुख प्राप्ती के लिये महावीर के मार्ग का अनुषरण करना होगा.ज्ञानमती माताजी। तपोभूमि पर...
मर्यादा के समान कोई वस्त्र नहीं- मां कनकेश्वरी देवी
भारत ने विविधता को अपनाया अमर्यादा को नहीं, जिनमें मर्यादा पुरूषोत्तम का अंश है वह...
दुख मिले तो हारो मत, उससे लड़ने की क्षमता पैदा करो-पं. शास्त्री
उज्जैन। अगर आपके साथ कुछ बुरा हुआ है तो हो सकता है कि इस बुराई के पीछे भविष्य में कुछ अच्छा...
साधुओं की सहज गति कईयों की सद्गति बन जाती है- मां कनकेश्वरी देवी
उज्जैन। परमेश्वर किसी पर कृपा कर उसे आधार बनाकर श्रीराम कथा करवाता है। भगवान स्वयं कभी...
अहंकार नाश का कारण है-पं. शास्त्री
उज्जैन। रावण को तो अपने अंत का अहसास उसी दिन हो गया था जब भरी सभा में वह शिव धनुष को हिला भी...
राम कृपा बिन पुरूषार्थ अधूरा- मां कनकेश्वरी देवी
उज्जैन। व्यक्ति सार्वजनिक जीवन, व्यक्तिगत अथवा अन्य लोकेषणा के जीवन में यदि सफल है तो...