सावन मास में भोलेनाथ करेंगे रोग-कष्टों को दूर
सावन को भोलेनाथ का प्रिय महीना माना जाता है। शिवालयों में उन्हें प्रसन्न करने के लिए जल चढ़ाते हैं और रुद्राभिषेक करवाते हैं। देवों के देव महादेव हर व्यक्ति की परेशानियों को दूर करने की क्षमता रखते हैं। अगर आप भी सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करके आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो शिवलिंग की पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
विवाह में देरी हो रही है या वैवाहिक जीवन में ठीक नहीं चल रहा है, तो सावन में हर रोज जल में केसर मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। माता पार्वती की भी पूजा करें।
किसी भी बीमारी में यदि दवाएं बेअसर हो रही हैं और आराम नहीं मिल रहा है, तो जल में दूध तथा काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इसके साथ ही दवाएं भी लेते रहें। माना जाता है कि इससे रोगों से जल्दी मुक्ति मिलती है।
सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय दोनों हथेलियों से शिवलिंग को रगड़ें। यह ऐसे होना चाहिए जैसे आप शिवजी के पैर दबा रहे हों। माना जाता है कि इससे भाग्य की बाधा दूर होती है और आरोग्य सुख के साथ जीवन में प्रगति की रफ्तार तेज होती है।
यदि आप वाहन सुख और भौतिक सुख चाहते हैं, तो सावन में हर रोज शिवलिंग पर पूजा करते समय चमेली के फूल चढ़ाएं और ओम नम: शिवाय का 108 बार जप करें। मान्यता है कि इससे वाहन और भौतिक सुख की प्राप्ति होती है।
यदि आर्थिक स्थिति सही नहीं है, तो सावन में हर रोज शिवलिंग पर अक्षत (बिना टूटा चावल) चढ़ाएं। इससे भगवान शिव के साथ माता लक्ष्मीजी की भी कृपा प्राप्त होती है।
यदि संतान सुख नहीं मिल पा रहा है, तो सावन में हर रोज शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाएं। मान्यताओं के अनुसार इससे संतान सुख के योग प्रबल होते हैं।
अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है या शनि की साढ़े साती से पीड़ित हैं, तो जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। कुंडली में मंगल दोष है, तो घर में पके हुए चावलों से भगवान शिव का पूजन करें।