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देवशयनी एकादशी पर न करें ये 5 काम


 

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इसी रात्रि से भगवान विष्णु का शयन काल आरम्भ हो जाता है इसीलिए इसे हरिशयनी एकादशी भी कहते हैं। देवशयनी एकादशी दिनांक 23 जुलाई 2018 दिन सोमवार को है। यह दिन विष्णु उपासना का है इसलिए भगवान विष्णु का ध्यान और पूजन करें।इस दिन से भगवान विष्‍णु क्षीर सागर में योगनिद्रा करने चले जाते हैं। उसके बाद वह लगभग चार महीने बाद उठते हैं, जब सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश कर जाते हैं। इस बीच सभी तरह के शुभ कार्य जैसे विवाह, उपनयन संस्‍कार, यज्ञ, गोदान, गृहप्रवेश आदि पर रोक लगा दी जाती है।  

इस प्रकार आपको इस दिन 5 प्रकार के काम करने से बचना चाहिए। जानते हैं कि इस पुनीत दिवस कौन से कार्य करने से बचना चाहिए।  

देवशयनी एकादशी पे न करें ये कार्य
1. अन्न का सेवन न करें। घर पर चावल न पकाएं। वृद्ध और रोगी व्यक्तियों को यदि भोजन करना आवश्यक भी हो तो चावल कदापि न ग्रहण करें। स्वस्थ लोगों को जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। 

2. इस दिन झूठ बोलेने से बचें। ज्यादा बेहतर होगा कम बोलें। किसी की चुगली करना और निंदा करना मना है। वाणी ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का दर्पण है। यदि हम सामने वाले से मधुर वाणी का प्रयोग करें तो बेहतर होगा।

3. हिंसा से बचें। मन, वचन और कर्म से किसी को कष्ट मत दें।

4. इस दिन और रात ब्रम्हचर्य का पालन करें। पति पत्नी भी इसका पालन करें। इस दिन काम वासना का विनाश करके मन को भगवान की भक्ति से महकाते हैं। जहां भक्ति होती है वहां वासना नहीं होती। इस दिन श्री विष्णु उपासना करते रहें।

5. इस दिन बाल नहीं बनवाने चाहिए। नाखून मत काटें। ऐसा कोई कृत्य मत करें जिससे किसी को कष्ट हो। घर को गंदा मत रखें। पूरे घर को स्वच्छ होना चाहिए। घर के मंदिर की भी सफाई करें। जो वस्त्र आप धारण किये हैं वो गंदा मत हो। ये बहुत ही आवश्यक है कि जहां आप निवास करते हों वह स्थल और घर का मंदिर एकदम साफ सुथरा हो और वहां सुगंधित धूप बत्ती तथा घी का दीपक लगातार जलता रहे। सूखे पुष्प या सूखे पुष्पों की माला मंदिर में कदापि न हो।

इस प्रकार इन 5 बातों का ध्यान रखें और इसे करने से बचें। यह एकादशी भगवान विष्णु की भक्ति प्राप्त करने का महान अवसर है। इस पुनीत दिवस का लाभ उठाएं।

 

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