गाय की पूजा से मिलते हैं जीवन में कई लाभ, जानें ज्योतिष में क्या उपाय बताए गए हैं
हिन्दू धर्म में मान्यता है गाय में सभी 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। इसीलिए गाय की सेवा करने के लिए कहा जाता है, ताकि हर तरह की परेशानी को वह हर लें। अब तो विज्ञान भी इस बात को स्वीकार करने लगा है कि गाय की पीठ पर हाथ फिराने से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर नियंत्रित्र रहता है।
आइए जानते हैं ज्योतिष में गाय से जुड़े टोटकों के बारे में...
यदि किसी व्यक्ति को नजर लग गई हो, तो उसे गाय की पूंछ से झाड़ लेने से बुरी नजर उतर जाती है।
जिस व्यक्ति का भाग्य साथ नहीं देता हो, वह अपने हाथ में गुड़ रखकर गाय को खिलाए। गाय की जीभ से हथेली चाटने पर भाग्य जाग जाता है।
गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं। गौ माता के पंचगव्य के बिना पूजा पाठ हवन सफल नहीं होते।
पहली रोटी गौ माता के लिए पकाएं व खिलाएं। प्रत्येक मांगलिक कार्यों में गौ माता को अवश्य शामिल करें।
काली गाय का पूजन करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं। जिस जगह पर गाय रहती है, वहां सांप और बिच्छू नहीं आते हैं।
यदि आप किसी महत्वपूर्ण यात्रा पर जा रहे हैं और चाहते हैं कि सफल होकर ही लौटें तो जाने से पहले गाय को भोजन कराकर जाएं।
यदि यात्रा पर निकलते समय अचानक रास्ते में कोई गाय सामने पड़ जाए अथवा बछड़े को दूध पिलाती हुई सामने दिख जाए तो भी यात्रा सफल हो जाती है।
‘निर्णयामृत’ एवं ‘कूर्मपुराण’ में गायों की पूजा के लिए गोप अष्टमी का उल्लेख किया गया है। कार्तिक शुक्ल अष्टमी को प्रातः काल के समय गायों के स्नान कराएं, गंध पुष्पादि से पूजन करें तथा अनेक प्रकार के वस्त्रालंकार से अंलकृत करके उनके ग्वालों का पूजन करें। इसके बाद गायों को गौ ग्रास देकर उनकी परिक्रमा करें और थोड़ी दूर तक उनके साथ जाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से सब प्रकार की अभीष्ट सिद्धि होती है।
गोपाष्टमी को शाम के समय जब गाय वापस लौटें, तो उस समय भी उनका आतिथ्य अभिवादन करें, कुछ भोजन कराएं और उनकी चरणरज को मस्तक पर लगाने से जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होती है।