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आषाढ़ मास में शुभकारी रहेगा इन बातों को ख्‍याल रखना



हिन्दू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ का महीना है. यह संधि काल का महीना है, इसी महीने से वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है. इस महीने में रोगों का संक्रमण सर्वाधिक होता है. इस महीने से वातावरण में थोड़ी सी नमी आनी शुरू हो जाती है. इस महीने को कामना पूर्ति का महीना भी कहा जाता है. इस बार आषाढ़ मास 29 जून से 27 जुलाई तक रहेगा.

आषाढ़ माह में कौन-कौन से व्रत और पर्व आते हैं?

- आषाढ़ मास के पहले दिन खड़ाऊं, छाता, नमक तथा आंवले का दान किसी ब्राह्मण को किया जाता है

- इसी महीने में श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा भी निकाली जाती है

- इस महीने में सूर्य और देवी की भी उपासना की जाती है

- इस महीने में तंत्र और शक्ति उपासना के लिए "गुप्त नवरात्रि" भी मनाई जाती है

- इसी महीने से श्री हरि विष्णु शयन के लिए चले जाते हैं

- अगले चार माह तक शुभ कार्यों की वर्जना रहती है

- आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का महान उत्सव भी मनाया जाता है  

आषाढ़ के महीने में किन किन देवी देवताओं की उपासना मंगलकारी होती है?

- आषाढ़ के महीने में सबसे ज्यादा फलदायी उपासना गुरु की होती है

- इसके अलावा देवी की उपासना भी शुभ फल देती है

- श्री हरि विष्णु की उपासना से भी संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है

- इस महीने में जल देव की उपासना से धन की प्राप्ति सरल हो जाती है

- इस महीने में मंगल और सूर्य की उपासना अवश्य करें

- ताकि ऊर्जा का स्तर बना रहे

आषाढ़ के महीने में खान-पान में किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

- इस महीने में जल युक्त फल खाने चाहिए

- आषाढ़ में बेल बिलकुल भी न खाएं

- जहाँ तक हो सके तेल वाली चीज़ें कम खाएं

- सौंफ , हींग और नीम्बू का प्रयोग लाभकारी होता है

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