दोस्ती, प्रेम, समर्पण और भक्ति का धाम है नारायणाधाम
आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर बोले पं. कमलकिशोर नागर
उज्जैन। नारायणा धाम में चल रही आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का विधि-विधान से समापन बुधवार को हुआ। राष्ट्र में सुख समृद्धि की कामना और सभी वर्ग का भला हो ऐसी कामना को लेकर आयोजित कथा के समापन पर पं. कमलकिशोर नागर ने भगवान श्री कृष्ण और सुदामा के धाम नारायणाधाम का प्राचीन महत्त्व बताते हुए कहा कि यहां से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। दोस्ती, प्रेम का समर्पण और भक्ति यहां से सीखी जा सकती है।
कथा के मुख्य यजमान रामेश्वर पटेल रामगढ़ ने समिति के सभी सदस्यों का किया एवं गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सुख, शांति, समृद्धि की कामना की। बहादुरसिंह पटेल चकरावदा के अनुसार समापन पर रामलाल मालवीय, उमेशसिंह सेंगर, वीरसिंह राणा, सरदारमल चोपड़ा, नारायणसिंह बापू, रामचंद्र, गोपीलाल गिरोता, इंदरसिंह खलाना, गोपाल रामगढ़, बहादुरसिंह पटेल, विजयसिंह ने की। सेवा में लगे पंजाबी समाज के सभी सदस्यों का सम्मान एवं मीडिया का भी आभार रामेश्वर पटेल ने माना। इस अवसर पर हीरालाल, नारायणा, केसर सिंह, विक्रम सिंह, संजय, सुमेर सिंह, योगेंद्र पंड्या आदि उपस्थित थे।