सजा कथा पांडाल, जन्में नंदलाल
जब पुण्य का उदय होता है, बाधाएं स्वयं ही हट जाती हैं- पं. गोपाल शुक्ल
उज्जैन। श्री बिलपतेश्वर महादेव मंदिर तिराहा हीरा मिल परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। कथा पांडाल फूलों और गुब्बारों से सजाया गया। वासुदेव टोकनी में लेकर जब भगवान श्रीकृष्ण को लेकर कथा स्थल पहुंचे तो नंदलाल के पैर पखारने की श्रध्दालुओं में होड़ मच गई।
कथा व्यास पं. गोपाल शुक्ल ने कथा में सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाते हुए कहा जब पुण्य का प्रकट होता है तो सारी बाधाएं स्वयं ही हट जाती है। कंश दुष्ट था उसने अपने खून को भी नहीं बख्शा उसे दंड देने स्वयं भगवान प्रकट हुए। जब भगवान प्रकट हुए तो जेल के ताले अपने आप टूट गए, दरवाजे खुल गए। हम सब भी सच्चे मन से ईश्वर की भक्ति करें सत्कर्म करें, पाप से बचें, न बाधाएं आएंगी और आई भी तो स्वतः ही दूर हो जाएंगी। कथा शुभारंभ पर पूजन मुख्य यजमान ओमप्रकाश शर्मा ने किया। समापन पर अनंतनारायण मीणा, फूलचंद जरिया, प्रहलाद यादव, श्याम जायसवाल, लालाराम गेहलोत, रविन्द्र पोरवाल, पुरषोत्तम शर्मा, गोपाल बागरवाल, मनोहर परमार, महेश सोनोने, पं. संतोष शर्मा, अशोक कुमार, रणजीतसिंह मोरे, कैलाश सोनी, महेन्द्र कटियार ने आरती की। कथा प्रतिदिन शाम 4 से 7 बजे तक चल रही है।