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बासमती चावल के पेटेंट प्राप्ति का पुरजोर प्रयास, इंदौर में म.प्र. श्रेष्ठ कृषि क्रांति कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान


 

प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये खेती पर ज्यादा ध्यान देना जरूरी 
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये सबसे ज्यादा ध्यान खेती पर देना होगा। इस बात को ध्यान में रखकर अनेक वर्षों से सिंचाई, उन्नत खेती और किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाओं का मैदानी-स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री आज इंदौर में म.प्र. श्रेष्ठ कृषि क्रांति कार्यक्रम में किसानों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की खेती-किसानी को राष्ट्रीय-स्तर पर हमेशा सर्वश्रेष्ठ स्थान पर रखने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री की किसानों के प्रति सद्भावना के अनुरूप प्रदेश में यह प्रयास किया जा रहा है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाये। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हम किसानों के सहयोग से ही काफी हद तक सफल हो गये हैं। इसी का परिणाम है प्रदेश में अब हर फसल का भरपूर उत्पादन।

श्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार बासमती चावल का पेटेंट प्राप्त करने का पुरजोर प्रयास कर रही है। इसके लिये अन्य राज्यों के दावों को हम चुनौती भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बटाई पद्धति को कानूनी बना दिया गया है, जिससे भू-स्वामियों और खेती करने वाले के हितों का संरक्षण होगा। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कृषि और उद्यानिकी के क्षेत्र में हो रहे बम्पर उत्पादन को ध्यान में रखकर कृषि उत्पाद को निर्यात करने की दिशा में भी राज्य सरकार प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई के रकबे को 7 लाख से 40 लाख हेक्टेयर तक पहुँचाने में हम सफल हुए हैं। अब इसे 80 लाख हेक्टेयर तक पहुँचाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिये नदी जोड़ो जैसे कार्य किये जा रहे हैं। किसानों को सिंचाई के लिये निर्धारित समय पर भरपूर बिजली उपलब्ध कराने के लिये फीडर सेपरेशन का कार्य किया गया है। किसानों को शून्य प्रतिशत पर ऋण दिया जा रहा है। बोनस की राशि दी जा रही है। बीज बदलने और एडवांस खाद उठाने पर लगने वाले ब्याज को शून्य कर दिया गया है। क्रांतिकारी भावांतर भुगतान योजना मैदानी-स्तर पर क्रियान्वित की जा रही है। लहसुन, चना और मसूर का भी समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब किसानों को उनकी मेहनत और पसीने का वाजिब दाम दिलवाने के लिये किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गेहूँ उत्पादक किसानों के पिछले वर्ष के फायदे को राज्य सरकार ने याद रखा और इस वर्ष उन्हें 200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी गई। उन्होंने बताया कि इस वर्ष समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने वाले किसानों को पिछले वर्ष की तुलना में 65 रुपये अधिक, अर्थात 265 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में हर फसल का भरपूर उत्पादन होने से किसानों की परेशानियों से राज्य सरकार भली-भाँति परिचित है। अब किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलवाने के लिये राज्य सरकार बतायेगी कि अपने खेत में कब और क्या लगायें, ताकि अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर निर्धारित होने वाले फसल मूल्य का मध्यप्रदेश के किसानों को भरपूर लाभ मिल सके।

श्री चौहान ने बताया कि उद्यानिकी क्षेत्र में हुई क्रांति को ध्यान में रखकर राज्य सरकार किसानों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिये प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना में 10 करोड़ तक की लागत के फूड प्रोसेसिंग यूनिट को मेगा प्रोजेक्ट मानकर हितग्राही को विभिन्न प्रकार के लाभ दिये जायेंगे।  

 

अनिल वशिष्ठ

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