यज्ञ से देवता देते है मनवांछित वरदान
इंदौर। भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद् भागवत से व्यक्ति में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है।
उक्त विचार वृंदावन के भागवताचार्य सुनिल शास्त्री ने श्री केंद्रीय साईं सेवा समिति द्वारा साईं बाबा महासमाधि शताब्दी महोत्सव में आयोजित भागवत कथा महोत्सव के समापन पर कही। शास्त्री ने बताया कि हवन यज्ञ से वातावरण व वायुमंडल शुद्ध होने के साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। संस्थापक संगीता पाठक ने बताया कि मंगलवार को भागवत कथा का समापन पूर्णाहुति के साथ हुआ।