मुख्यमंत्री ने "लाइव फोन इन'' कार्यक्रम में विद्यार्थियों से किया सीधा संवाद
विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिये सभी संभव प्रयास होंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विद्यार्थियों का आव्हान किया है कि जीवन में हताश नहीं हों। हर समस्या का समाधान होता है। उन्होंने बच्चों को भरोसा दिलाया कि वे बनी-बनायी लकीर से बंधे रहने वाले व्यक्ति नहीं हैं। बच्चों के लिये नई राहें और नई लकीरे बना देंगे। बच्चों की जिन्दगी में कोई बाधा नहीं रहने दी जायेगी। बच्चों को जिन्दगी में आगे बढ़ने के लिये सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएंगी, सुविधाएँ जुटाई जाएंगी। श्री चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि कोई भी समस्या हो, उसकी जानकारी उन्हें दी जाये। हर समस्या को दूर किया जायेगा। जरूरत होने पर नये प्रावधान, नई योजना भी बनायी जायेगी। श्री चौहान आज मॉडल स्कूल सभागार में लाइव फोन इन कार्यक्रम में विद्यार्थियों से सीधी बातचीत कर रहे थे। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर उपस्थित 60 हजार 592 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री से सीधे प्रश्न पूछे। मुख्यमंत्री ने भी सबका समाधान संवेदनशीलता के साथ किया।
कुमारी अदिति ठाकुर को भरपूर मदद के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री चौहान को सभागार में उपस्थित 10वीं परीक्षा उत्तीर्ण मॉडल स्कूल की छात्रा अदिति ठाकुर ने पिता की मृत्यु से परिवार पर आई दिक्कतों के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने उससे अलग से चर्चा कर उसे धैर्य बंधाया। श्री चौहान ने अदिति को भरपूर मदद करने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया। झाबुआ जिले की यशस्वनी भाबोर ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों के लिये ई-लायब्रेरी की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने बताया कि झाबुआ में शीघ्र ही सर्व-सुविधा संपन्न पुस्तकालय भवन बनकर तैयार हो रहा है। जिले की फाल्गुनी नाहर द्वारा इंजीनियरिंग महाविद्यालय भवन की कमी बताने पर श्री चौहान ने बताया कि भवन स्वीकृत हो गया है। इसके बनने पर कई नई ब्राँच भी शुरू हो जायेगी।
श्री चौहान को भिण्ड जिले के रोहित श्रीवास्तव ने जे.एन.यू दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश की इच्छा बताते हुये फीस भरवाने की जानकारी चाही। मुख्यमंत्री ने बताया ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये तक है। उनके बच्चों की फीस सरकार द्वारा भरवाई जाती है। उनका प्रवेश जे.एन.यू. अथवा दिल्ली विश्वविद्यालय कहीं भी हो। छात्र ललित पटेल द्वारा भोपाल में घर से कॉलेज की अधिक दूरी की समस्या बताने पर श्री चौहान ने बताया कि गांव से शहर पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों के लिये निश्चित सीमा तक परिवहन व्यय की व्यवस्था है। छात्र मोहन सोनी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि उन्होंने कॅरियर चयन कैसे किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि जीव विज्ञान की पढ़ायी में डिसेक्शन कार्य उनसे नहीं होता था। दूसरों की दिक्कतों को दूर करवाने में सहयोग के लिये सदैव तत्पर रहते थे। कक्षा सातवीं के छात्र के रूप में गांव के मजदूरों की मजदूरी बढ़वाने के लिये जलूस भी निकाला था जिसमें उन्हें परिवार की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी, लेकिन उनका दिल इसी में रमता था। आपातकाल के विरोध में वे जेल भी गये थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का दिल जो कहे, उसे सुनना चाहिए और प्राथमिकता देना चाहिये। छात्र अंकित गुप्ता की असफलता की आशंका की चिंता को मुख्यमंत्री ने गीता के अर्जुन-श्रीकृष्ण संवाद के द्वारा दूर किया। उन्होंने बताया कि सात्विक कार्यकर्ता के रूप में धैर्य, उत्साह के साथ परिणाम की चिंता किये बिना निरंतर प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने खंडवा के छात्र हरिओम श्याम को वाणिज्य के क्षेत्र में अध्ययन के पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। यह भी बताया कि गरीब परिवारों के बच्चों की बी-कॉम आदि पाठ्यक्रमों की फीस भी राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने पन्ना की छात्रा शीलू पटेल को उच्च शिक्षा के लिये बाहर जाने में यदि कोई कठिनाई आती है तो उसे दूर करने में पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया। छात्रा गुंजन सिंह पटेल द्वारा राजनीति में कॅरियर के लिये क्या करना होगा, पूछने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि राजनीति जितनी आसान दिखती है, उतनी आसान नहीं है। मन में दूसरों के लिये गहरी संवेदनाएं, दूसरे के दर्द में द्रवित होने और उनके कष्ट को दूर करने का भाव जिनमें होगा, उन्हें राजनीति में सफलता मिलती है। यही जज्बा होने के कारण श्री नरेन्द्र मोदी चाय वाले से प्रधानमंत्री बन गये। स्वयं वे साधारण परिवार के होते हुये मुख्यमंत्री बन गये।
श्री चौहान ने राजनीतिक जीवन में स्वयं के संघर्ष का भी जिक्र किया। उन्होंने छात्र सोहन सिंह की बी.सी.ए. पाठ्यक्रम में मुख्यमंत्री मेधावी प्रोत्साहन योजना में फीस भरे जाने की आशंका को दूर किया। बालाघाट की छात्रा अंकिता यादव के संस्थान और कोर्स में से किसे प्राथमिकता देने के प्रश्न का भी उत्तर दिया। उसे बताया कि रूचि अनुसार कोर्स को प्राथमिकता देना चाहिए। साथ ही यह भी देखें कि संस्थान स्तरहीन नहीं हो। छात्रा मोनिका यादव ने विदेश में अध्ययन में मदद की जानकारी चाही। मुख्यमंत्री ने बताया कि विश्व के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों को एक सीमा तक आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। बालाघाट की पुष्पांजली बघेल ने इंजीनियरिंग के साथ आईएएस की तैयारी के लिये अवसरों की जानकारी चाही। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कांउसलिंग के दौरान प्रतिष्ठित संस्थानों में कोचिंग आदि की जानकारी भी दी जायेगी।
अजय वर्मा