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दो पानी की टंकियां लेकिन पानी की एक बूंद नहीं



चिंतामण जवासिया क्षेत्र में जल संकट से त्राही-त्राही, पाईप लाईन डली लेकिन कनेक्शन नहीं, जनता मांग रही पानी
उज्जैन। ग्राम चिंतामण जवासिया में लोग भीषण जल संकट से त्राही त्राही कर रहे हैं। यहां पाईप लाईन डली हुई हैं लेकिन कनेक्शन नहीं, दो टंकियां हैं लेकिन उनमें पानी की एक बूंद नहीं केवल क्षेत्र की शोभा बढ़ा रही हैं। ऐसे में परेशान लोगों को अपना काम धंधा छोड़कर दूर-दूर से पानी लाना पड़ रहा है। 
समाजसेवी भगवान चौकसे के अनुसार चिंतामण जवासिया चौराहे पर पानी की टंकी बनी हुई है। लेकिन इस टंकी में पानी नहीं है। वहीं चिंतामण महाकाल प्रसादी भंडार के प्रांगण में 2014 में 2 करोड़ की लागत से बनी टंकी भी सुखी पड़ी है। पीएचई प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के दावे खोखले साबित हो रहे है क्षेत्र की जनता प्यासी है और मवेशियों की हालत दयनीय है। पिछले दो वर्षों से प्रशासन की उदासीनता के कारण स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, गरीब बस्ती भीषण जलसंकट से त्रस्त हैं। हैंडपंप बंद हैं कुए बावड़ी सुखे हैं। जनप्रतिनिधियों के मौन से जनता त्रस्त है। पाईप लाईन डल चुकी है अधिकारी चाहे तो दो घंटे में कनेक्शन हो सकता है, लेकिन कोई ठोस प्रयास नहीं किये जा रहे। चिंतामण जवासिया क्षेत्र के रहवासियों ने पीने का पानी उपलब्ध कराये जाने की मांग जनप्रतिनिधियों तथा पीएचई अधिकारियों से की है। 

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