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सीधी को मिनी स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा


सीधी में असंगठित मजदूर सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी को मिनी स्मार्ट सिटी बनाये जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि इसके लिये विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत रिपोर्ट बनवायी जायेगी और सीधी का समुचित विकास किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीधी में ग्राम पनवार तथा पूजा पार्क में असंगठित श्रमिकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 13 जून को ग्रामसभाएँ कर असंगठित श्रमिक कल्याण योजना के पात्र हितग्राहियों को हित-लाभ वितरित किये जायेंगे। इसके बाद यह काम लगातार जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनका मकसद प्रदेश के गरीबों के जीवन में नया सवेरा लाना है। प्राकृतिक संसाधनों में सभी का समान हक है और गरीबों को उनका ये हक प्रदेश की सरकार प्रदान करेगी। प्रत्येक गरीब भूमिहीन को जमीन का पट्टा देकर मालिक बनायेंगें। अगले 4 वर्षों में प्रत्येक गरीब को पक्का मकान बनाने के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सहायता प्रदान की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी वर्गों के गरीब छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, आई.आई.टी. आदि पाठ्क्रमों में लगने वाली फीस की राशि राज्य सरकार भरेगी। सभी गरीबों का इलाज निःशुल्क करवाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक परिवार की गर्भवती माताओं को छः माह से नौ माह तक 4 हजार रूपये एवं प्रसव के बाद पौष्टिक आहार के लिये 12 हजार रूपये की राशि महिलाओं के खातों में जमा करवाई जायेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 60 वर्ष से कम आयु के मजदूर की मृत्यु होने पर 2 लाख की और दुर्घटना से मृत्यु होने पर 4 लाख रूपये की राशि परिवार को दी जायेगी। मजदूरों के परिवारों को 200 रूपये फ्लेट रेट पर बिजली दी जायेगी। श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार के लिए 05 हजार रूपये की सहायता दी जायेगी।

कार्यक्रम में सांसद सुश्री रीति पाठक, राज्यसभा सांसद श्री अजय प्रताप सिंह, विधायक कुँवर सिंह टेकाम, विन्ध विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुभाष सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अभ्युदय सिंह, जनपद पंचायत अध्यक्ष सुश्री शकुन्तला सिंह, नगरपालिका अध्यक्ष श्री देवेन्द्र सिंह उपस्थित थे।

सम्मेलन में श्रमिकों को पंजीयन प्रमाण-पत्र और हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत हित-लाभ पत्र बाँटे गये।

दुर्गेश रायकवार

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