भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता की संवाहक है "एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजना
मध्यप्रदेश भी मणिपुर और नागालैण्ड से कर रहा है आपसी सम्पर्क
देश में विभिन्न प्रान्तों के सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत'' योजना लागू की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती दिनांक 31 अक्टूबर, 2015 को 'राष्ट्रीय एकता दिवस'' पर इस योजना की घोषणा की थी। योजना में विभिन्न प्रान्तों के रहवासियों के बीच आपसी सम्पर्क बढ़ाने के प्रयासों को प्राथमिकता दी गई है। योजना में मध्यप्रदेश को मणिपुर तथा नागालैण्ड राज्य का पार्टनर बनाया गया है। प्रदेश में योजना का नोडल विभाग उच्च शिक्षा विभाग बनाया गया है।
प्रदेश में इस योजना में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा के नेतृत्व में 6 सदस्यीय प्रतिनिधि-मण्डल ने पिछले साल 5 से 11 नवम्बर तक मणिपुर और नागालैण्ड का भ्रमण कर इतिहास, संस्कृति, पर्यावरण, स्थानीय उत्पाद आदि को समझने का प्रयास किया। प्रतिनिधि-मण्डल ने भ्रमण के दौरान दोनों राज्यों के अधिकारियों से औपचारिक चर्चा की और व्यक्ति एवं विचारों के आदान-प्रदान पर जोर दिया। इस दौरान पर्यटन, खेल-कूद, हैण्डलूम, हैण्डीक्रॉफ्ट एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर सहमति हुई और आगामी वर्ष की गतिविधियों का कैलेण्डर तैयार किया गया।
योजना में विगत 8 से 13 फरवरी तक नागालैण्ड के उच्च शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों का 23 सदस्यीय दल भोपाल में रहा। दल ने भोपाल, विदिशा, साँची, उज्जैन, इंदौर तथा महू क्षेत्र का भ्रमण किया। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से समूह के सदस्यों की राजभवन में भेंट हुई। मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग का 16 सदस्यीय दल 14 से 25 मार्च तक नागालैण्ड और मणिपुर राज्य के शैक्षणिक एवं शैक्षणेत्तर भ्रमण पर रहा।
योजना के अंतर्गत इंफाल (मणिपुर) में संगाई महोत्सव और कोहिमा (नागालैंड) में हार्नबिल फेस्टिवल का आयोजन किया गया। मध्यप्रदेश के लोक कलाकारों ने दोनों राज्यों में लोक नृत्य कर्मा और सैला की प्रस्तुति दी। यह योजना वास्तव में भारतीय संस्कृति में विभिन्नता में एकता के प्रदर्शन का उत्सव और अनेकता में एकता की मिसाल की संवाहक है।
प्रदेश में लोक-रंग और बाल-रंग में मणिपुर और नागालैण्ड के कलाकारों के दल ने भाग लिया। प्रदेश में नागालैण्ड की किताबों के अनुवाद का कार्य भी शुरू किया गया है। इससे वहाँ की गतिविधियों और सांस्कृतिक विरासत से प्रदेशवासी परिचित हो सकेंगे। इस संबंध में अन्य गतिविधियाँ भी संचालित की जा रही हैं।
दुर्गेश रायकवार