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सेना हाथ लगी बड़ी कामयाबी, 10 लाख का इनामी आंतकी समीर टाइगर को किया ढे़र



दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में  हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिद्दीन के समीर अहमद भट उर्फ ‘समीर टाइगर’ सहित दो आतंकवादी मारे गए हैं. इस मुठभेड़ में सेना के दो जवान घायल हो गए. बता दें कि समीर अहमद भट उर्फ ‘समीर टाइगर’ वही आतंकी है जिसने एक वीडियो मैसेज भेज कर सेना के मेजर शुक्ला को चुनौती दी कि मां का दूध पिया है तो सामने आओ, लड़ो. आज सुबह मेजर शुक्ला उसके सामने थे और वो 10 लाख का ईनामी आतंकी टाइगर अब इस दुनिया में नहीं है.

समीर अहमद भट उर्फ टाइगर नाम के आतंकी ने वीडियो मैसेज में कहा था कि 'शुक्ला को कहना शेर ने शिकार करना क्या छोड़ा, कुत्तों ने समझा जंगल हमारा है. अगर उसने अपनी मां का दूध पिया है तो उसको कहो सामने आ जाए'. ऐसे ही वीडियो जारी करके समीर टाइगर घाटी में बुरहान वानी के बाद अगला पोस्टरबॉय बना हुआ था लेकिन सेना को दी गई चुनौती उसपर भारी पड़ गयी और टाइगर का ही शिकार हो गया. समीर टाइगर ने सेना के संदिग्ध खबरी को पकड़कर ये वीडियो बनाया था और उसी में सेना के मेजर शुक्ला को धमकी भी दी थी, और इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था.

सेना ने ऐसे किया समीर टाइगर का खात्मा
कश्मीर घाटी के पुलवामा जिले का द्रबगाम इलाके में सुबह 10 बजे सेना और सीआरपीएफ का ज्वाइंट कासो चल रहा था. CASO मतलब कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन. आबादी में छिप कर बैठे आतंकियों को पकड़ने की कार्रवाई यानी घेरा डालो और तलाशी लो. यहीं पर छिपा था हिज्बुल का टॉप कमांडर समीर टाइगर. टाइगर ने खुद को घिरता पाकर डरकर फायरिंग शुरू कर दी और सेना ने पलटवार किया. एनकाउंटर चार घंटे तक चला और जब खत्म हुआ तब आतंकी समीर टाइगर मौत के घाट उतर चुका था.

बताया जाता है कि इस एनकाउंटर में सेना के 44 राष्ट्रीय राइफल्स के वही मेजर शुक्ला भी शामिल थे जिनका नाम लेकर समीर टाइगर ने धमकी दी. मेजर शुक्ला ने ऑपरेशन को लीड किया और टाइगर को मार गिराया. जानकारी मिली है कि मेजर शुक्ला घायल हो गए है हांलाकि सेना ने अब तक ऑपरेशन में शामिल घायलों के नाम जारी नहीं किए हैं.


समीर टाइगर
समीर टाइगर 6 मई 2016 को हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था और बुरहान वानी के ग्रुप में रहकर वो बुरहान का दाहिना हाथ बन गया था. जुलाई 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद समीर टाइगर को कश्मीर के पोस्टर ब्वॉय के रूप में पेश किया गया. समीर टाइगर पर 10 लाख रुपये का इनाम था. फरवरी में श्रीनगर के अस्पताल से आतंकी नावेद को फरार कराने में भी समीर टाइगर का हाथ था. सुरक्षाबलों पर भी कई बार समीर टाइगर हमला कर चुका है.

अगले टाइगर बनने की तैयारी में घाटी में युवा
10 लाख का ईनामी आतंकी टाइगर तो मेजर शुक्ला का शिकार हो गया पर अभी भी कश्मीर घाटी में बहुत से युवा गुमराह होकर अगले टाइगर बनने की तैयारी में हैं. कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस ने दो युवाओं को पकड़ा तो साजिश खुली और पता चला कि पाकिस्तान कश्मीरी युवाओं को आतंकी बनाने के लिए सोशल मीडिया की मदद ले रहा है. कश्मीर के कोचिंग सेंटर उसके निशाने पर थे. इसीलिए कश्मीर में सरकार ने कुछ दिन पहले कोचिंग सेंटर बंद करवाए.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1 अप्रैल को हुए तीन एनकाउंटर के बाद 30 दिनों में 28 युवक आतंकी बन चुके हैं जिसमें कॉलेज के छात्र से लेकर एमफिल स्कॉलर शामिल हैं. 

एक हफ्ते के भीतर दो खतरनाक आतंकी मौत के घाट उतारे जा चुके हैं लेकिन पुलिस को आतंकियों से ज्यादा चिंता अब आतंक की राह पर जा रहे युवाओं को रोकने की है. पुलिस कह रही है कि हम युवाओं को आतंक के रास्ते पर जाने से रोक रहे हैं और गुनाह में अगर शामिल न हुआ हो तो एफआईआर भी नहीं कर रहे फिर भी परिवार की तो जिम्मेदारी बनती है.

आतंकियों की भर्ती
एक तरफ आतंकियों का खात्मा हो रहा है दूसरी तरफ आतंकियों की भर्ती चल रही है. आंकड़े बताते हैं कि बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद 2016 में 100 स्थानीय युवकों ने आतंक का रास्ता चुना. 2017 में ये संख्या बढ़कर 124 तक पहुंच गई. और इस साल चार महीनों में ही 35 से ज्यादा आतंकी और सिर्फ अप्रैल में ही 28 युवक आतंक की राह पकड़ चुके हैं.

ऑपरेशन ऑल आउट से डरकर लश्कर ने ये साजिश रची है जिसे खुफिया एजेंसियों ने डिकोड किया है जिसके तहत आतंकियों की नई पौध तैयार हो रही है. जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन के लिए लश्कर-ए-तैयबा ने आपरेशन के लिए पहली बार 4 जोन बनाये हैं. जिसमें आतंकी हमलों के लिए 4 में से एक ज़ोन जम्मू में बनाया गया है.

कश्मीर में आतंकियों की भर्ती के लिए लश्कर-ए-तैयबा ने कश्मीर में मौजूद अपने कमांडरों से ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को भर्ती करने को कहा गया.आईएसएस की तर्ज पर लश्कर-ए-तैयबा ने ऑनलाइन भर्ती के लिए ऑनलाइन मैगजीन Wyeth लांच की जिससे कश्मीर में आसानी से भर्ती हो सके. और इसी का नतीजा है कि आतंकियों की तादाद बढ़ती जा रही है. इस साल अब तक 61 आतंकी मारे जा चुके हैं जबकि 46 सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं.

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