विचारों को सुंदर बनाती है भागवत कथा
श्रीमद् भागवत कथा सुनने से विचार सुंदर हो जाते हैं। इससे जीव का लौकिक और पारलौकिक जीवन सुखमय हो जाता है। भागवत सभी रोगों का निवारण करने वाली औषधि है, लेकिन जरूरत है तो इसके गुणों को जानने की। अहंकार, लोभ, क्रोध, लालच और पापों से दूर रहने के लिए भागवत कथा का श्रवण अनिवार्य है। यह विचार एम्स रोड स्थित एनआरआई स्कूल अमराई बागसेवनिया में शुरू हुई 7 दिवसीय श्रीमद भागवत हरिकथा के पहले दिन शनिवार को वृंदावन से पधारे आचार्य अनिरुद्घाचार्य महाराज ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि भागवत जिज्ञासा का विषय है। हम जीवन में हर क्षण जाने अनजाने में पाप कर्म लादते चल रहे हैं। कलयुग में भक्ति ही एकमात्र उपाय है, जो इस दुर्लभ मनुष्य जीवन को मंजिल तक पहुंचा सकती है। जीवन में सफलता के लिए जिस तरह जोश और होश की जरूरत होती है, उसी तरह भागवत श्रवण में भी जोश के साथ होश भी जरूᆬरी है। यह ऐसा अमृत कलश है जिसकी एक भी बूंद व्यर्थ नहीं जानी चाहिए।