मेनका गांधीन ने यौन उत्पीडन के शिकार लडकों को मुआवजा देने को समर्थन
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने लड़कियों के लिए बने कानून की तरह कुकर्म (यौन उत्पीड़न) के शिकार लड़कों को भी मुआवजा देने का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को बाल यौन शोषण के पीड़ित लड़कों पर एक अध्ययन की घोषणा भी की। मेनका ने फिल्म निर्माता इंसिया दरीवाला की लड़कों के यौन शोषण पर ऑनलाइन याचिका के जवाब में कई बातें कही हैं।
यौन शोषण का शिकार बच्चे जीवनभर गुमसुम रहते हैं
- चेंज डॉट ओआरजी पर याचिका के जवाब में उन्हाेंने कहा, "बाल यौन शोषण की सबसे ज्यादा अनदेखी किए जाने वाला वर्ग पीड़ित लड़कों का है। बचपन में यौन शोषण का शिकार होने वाले लड़के जीवनभर गुमसुम रहते हैं, क्योंकि इसके पीछे कई भ्रांतियां और शर्म है। यह गंभीर समस्या है और इससे निपटने की जरूरत है।"
- मंत्री ने कहा कि याचिका के बाद उन्होंने राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग को पीड़ित लड़कों के मुद्दे पर विचार करने के निर्देश दिए हैं।
हाल ही में लाया गया पॉक्सो एक्ट में बदलाव वाला अध्यादेश
- केंद्र सरकार हाल ही में पॉक्सो एक्ट में बदलाव वाला अध्यादेश लेकर आई है। राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी भी दे दी है। इसके तहत अब 12 साल से कम उम्र के बच्चों से दुष्कर्म करने पर दोषी को फांसी की सजा हो सकती है।
- बता दें कि कठुआ में आठ साल की बच्ची की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला सामने आने के बाद मेनका गांधी ने कहा था कि सरकार पॉक्सो एक्ट में संशोधन पर विचार कर रही है।
कौन हैं इंसिया दरिवाला?
- इंसिया दरिवाला इंटरनेशनल फिल्म मेकर हैं। वे फिलहाल मुंबई में रहती हैं। उन्हें बाल अधिकारों के लिए काम के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने ऑनलाइल पिटीशन वेबसाइट Change.org के तहत एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने सरकार से कम उम्र के लड़कों से किए जाने वाले यौन शोषण पर स्टडी करने का आग्रह किया है।