ग्यारह मुखी हनुमान प्रतिमा की हुई प्राण प्रतिष्ठा
श्रीराम कथा में मना प्रभु श्रीराम का विवाह उत्सव
उज्जैन। ग्यारह मुखी हनुमान कवच रूद्र महायज्ञ के अंतर्गत गयाकोटा सप्तऋषि मंदिर के पास इंदिरानगर पर कथा स्थल पर ग्यारहमुखी हनुमान प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई। प्राण प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा उपरांत आम लोगों के लिए दर्शन प्रारंभ हुए। वहीं श्रीराम कथा के सप्तम दिवस रामकथा में प्रभु श्रीराम का विवाह उत्सव मनाया गया।
आयोजन समिति के रवि राय ने बताया कि विश्व विराट मानव कल्याण सेवा ट्रस्ट गुजरात के तत्वावधान में महामंडलेश्वर महावीरदास महाराज के सानिध्य में आयोजित श्रीराम कथा में व्यासपीठ का पूजन बलवीर हनुमान मंदिर पुजारी प्रेमप्रकाश पारीख, प्रभु प्रेमी संघ अध्यक्ष अजय पांडे, मायापति हनुमान मंदिर के पुजारी गणेश राय, सराफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय मेहता, युवा मंच सत्संग समिति अध्यक्ष गोपाल बागरवाल, संतोष पंडित, माली समाज अध्यक्ष शिवनारायण जागीरदार, लीलाधर अड़ातिया, यादव समाज अध्यक्ष प्रहलाद यादव, पूर्व माटी कला बोर्ड अध्यक्ष अशोक प्रजापत, पूर्व विधायक राजहुजूरसिंह गौर, प्रादेशिक सेन समाज अध्यक्ष मनोहर परमार, सेन समाज अध्यक्ष सुरेश सोलंकी, पं. भगवान शर्मा ने किया। कथा में महामंडलेश्वर सिध्द बाबा नृसिंहदास महाराज ने कहा मनुष्य इंद्रिया मन के अनुसार कार्य करती हैं अगर मन काम क्रोध लोभ में लगा रहता है तो इंद्रियां उसी अनुसार कार्य करती है। इसलिए मन भगवान में लगाया जाए तो मन परमात्मा में लीन हो जाएगा और आदमी का जीवन स्वर्ग बन जाएगा। मन अच्छा और बुरा दोनों कार्य करता है परंतु प्रभु स्मरण मन अच्छा ही सोचता है और आत्मा को भी अच्छा लगता है। आत्मा को जाग्रत करने के लिए प्रभु भक्ति आवश्यक है।