पत्नी को सम्मान दो, घर जीते जी स्वर्ग बन जाएगा
श्रीराम कथा में बोले महामंडलेश्वर नृसिंहदास महाराज-शुरू हुआ ग्यारह मुखी हनुमान कवच रूद्र महायज्ञ
उज्जैन। पति-पत्नी की प्रशंसा ही परिवार को जीते जी स्वर्ग प्रदान करती है और लक्ष्मी घरों में निवास करती है। पत्नी अगर लक्ष्मी है तो पुरूष भी नारायण है, अगर वह चरण छुती है तो आप पत्नी को नमस्कार कर सकते हैं। नारी शक्ति ही नारायणी है। पत्नी को सम्मान दो, धर्मपत्नी से ही व्यक्ति का भाग्य परिवर्तित होता है।
उक्त बात सिध्द बाबा श्री नरसिंहदास महाराज ने विश्व विराट मानव कल्याण सेवा चेरीटेबल ट्रस्ट गुजरात द्वारा महामंडलेश्वर महावीर दास महाराज के सानिध्य में गयाकोटा सप्तऋषि मंदिर के पास इंदिरानगर में चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिन कही। महाराजश्री ने कहा कि भगवान निगुण निराकार है, परंतु जब भक्त पुकारते हैं तो प्रकट हो जाते हैं, जब प्रहलाद, द्रोपदी, मीरा ने पुकारा तो भक्तों की पुकार भगवान को प्रकट होने पर विवश कर देती है। रामकथा संपूर्ण जीवन को धन्य कर देती है। आयोजन समिति के रवि राय के अनुसार मंगलवार से ग्यारह मुखी हनुमान कवच रूद्र महायज्ञ भी प्रारंभ हुआ। कथा समापन पर महापौर मीना जोनवाल, महंत राजेन्द्र भारती, कांग्रेस नेता मनोहर बैरागी, नरेन्द्र गौड़, चेतन आर्य, गिरीश महाराज, इस्कॉन के शैलेन्द्र मित्तल, मीना भारती, महंत दिग्विजयदास, कन्हैयादास, महंत रामचंद्रदास, महंत दामोदर बैरागी, खाटू श्याम परिवार की सरोज अग्रवाल, समर्थ विकलांग संस्था के अध्यक्ष विक्रम चंद्रवंशी, कल्चुरी वार्ता के संपादक राजेश राय, पूर्व पार्षद दिलीप परमार, योगेन्द्र शुक्ल, संत सत्कार समिति के प्रकाश चित्तौड़ा, शिखर ग्रुप अध्यक्ष सुरेन्द्र यादव, उज्जैन कुश्ती संघ के अध्यक्ष उमेश ठाकुर, गुड्डू भय्या, जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयसिंह दरबार, श्याम माहेश्वरी, महाकालेश्वर पुजारी पं. सुरेन्द्र चौबे, अनंतनारायण मीणा, नितीन मीणा ने आरती की। मुख्य यजमान हरिसिंह यादव, अजीत मंगलम, रवि राय, दिनेश पंड्या, महेन्द्र कटियार ने आरती की।