श्रीराम कथा में मना शिव विवाह महोत्सव, निकली बारात, भक्तों ने की पुष्पवर्षा
उज्जैन। मन से बड़ा मित्र नहीं, मन से बड़ा दुश्मन नहीं, मन चंचल है, मन चारों तरफ जाता है, मन अगर भगवान में लगा देवे तो वह अच्छाई ही देगा। संतान भगवान की कृपा से मिलती है चाहे बेटा या बेटी हो परंतु जो भेदभाव करते हैं वह ईश्वर की अवज्ञा करते हैं, अवहेलना करते हैं।
उक्त बात विश्व विराट मानव कल्याण सेवा चेरीटेबल ट्रस्ट गुजरात द्वारा श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर महावीरदास महाराज के सानिध्य में आयोजित श्रीराम कथा में तीसरे दिन सिध्द बाबा श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर नृसिंहदासजी ने शिव पार्वती विवाह उत्सव एवं राजा हिमालय की कथा शिव पार्वती कथा के संस्मरण के तहत संस्कारित कन्याओं के संदर्भ में प्रवचन देते हुए कही। कथा में शिव विवाह के तहत शिव बारात निकाली गई जहां सभी धर्मालुजनों और श्रध्दालुओं ने पुष्पवर्षा की। आयोजन समिति के रवि राय ने बताया कि प्रारंभ में व्यासपीठ का पूजन अर्चन पं. वरूण शर्मा, भारती शर्मा ने किया। कथा समापन पर आरती महामंडलेश्वर श्रीमहंत रामेश्वरदास महाराज, महंत हरिहर रसिक, महंत मुनि शरणदास, उर्जा मंत्री पारस जैन, पूर्व विधायक रामलाल मालवीय, अनंतनारायण मीणा, मुख्य यजमान हरिसिंह यादव, पोरवाल समाज अध्यक्ष धन्नालाल पोरवाल, राम स्पोर्ट्स संगठन अध्यक्ष मुरलीधर शर्मा, अजीत मंगलम, मोहन जायसवाल, पं. नितीन शर्मा, जानकीलाल परमार, पं. अनिरूध्द पांडे ने की।