अध्यात्म के शिखर पर ले जाती है रामकथा- सिध्द बाबा श्री नरसिंहदास महाराज
उज्जैन। अध्यात्म के शिखर पर ले जाती है रामकथा, सामाजिक चेतना जगाती है
रामकथा, परिवारों के लिए है रामकथा, संकट दूर करती है रामकथा, रामकथा
कल्पवृक्ष के समान है। भगवान को वही पहचान सकता है जिसे भगवान जगा देवे।
भगवान श्रीराम को माता कौशल्या भी नहीं पहचान पाई थी। अर्जुन भी भगवान
श्री कृष्ण को नहीं पहचान सके थे। दिव्य दृष्टि के बिना भगवान को नहीं
पहचान सकते और यह दिव्य दृष्टि गुरूजन ही दिला सकते हैं। आदिदेव महादेव
ने भी सतीदेव को भगवान रामकथा का महत्व बताते हुए कथा श्रवण कराई थी।
उक्त बात विश्व विराट मानव कल्याण सेवा चेरीटेबल ट्रस्ट गुजरात के द्वारा
श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी महावीरदास के सानिध्य में गयाकोटा
सप्तऋषि मंदिर के पास इंदिरानगर में चल रही श्रीराम कथा में सिध्द बाबा
श्री नरसिंहदास महाराज ने कथा के द्वितीय दिवस कही। आयोजन समिति के रवि
राय ने बताया कि श्रीराम कथा के द्वितीय दिवस की आरती अजीत मंगलम, प्रो.
कविता मंगलम, आदित्य मंगलम, माधवी मंगलम के द्वारा की गई। मुख्य यजमान
हरिसिंह यादव द्वारा व्यासपीठ का पूजन किया गया। अतिथि के रूप में प्रेस
क्लब सचिव विक्रमसिंह जाट, पार्षद निशा बुध्दिसिंह सेंगर, धनीराम
रायकवार, संत सत्कार समिति एवं चामुंडा माता भक्त समिति अध्यक्ष
राजेन्द्र शाह, समर्थ संस्था अध्यक्ष श्याम माहेश्वरी, साईबाबा मंदिर के
सचिव मुकेश नीमा, मीना राजेन्द्र भारती, दानदाता अनंतनारायण मीणा, दिनेश
पंड्या, वैष्णव दर्जी समाज अध्यक्ष अजय नामदेव, सतीगेट व्यापारी एसोसिएशन
के अध्यक्ष कन्हैयालाल घाटीया, ललित मीणा, दशरथसिंह मीणा, गौरव आर्य
उपस्थित थे। महामंडलेश्वर 1008 श्री महावीरजी महाराज द्वारा सभी को
शुभआशीष प्रदान किया।