राम का चरित्र सुनकर जो अपनाये वह चरित्रवान
मानस भवन में आयोजित श्रीराम कथा में आज मनेगा रामजन्मोत्सव
उज्जैन। तमाम सुख का मूल भक्ति है। भगवान कहते हैं जिस मनुष्य में भक्ति
हो वो मुझे प्राण समान प्रिय है। मनुष्य कितना बड़ा हो जीवन में भक्ति
नहीं तो उसका कोई मूल्य नहीं है। राम का चरित्र सुनकर जो अपनाये वह
चरित्रवान है।
उक्त बात मानस भवन क्षीरसागर पर शनिवार को श्रीराम कथा में मानस मर्मज्ञ
पं. सुधीर पंड्या ने कही। आपने सुर्पणखा वासना प्रसंग में बताया कि वासना
सताती है तो उसका त्याग करें, त्याग में गुरू की कृपा न हो तो वो पाखंड
भी है। वैराग्य की परीक्षा वासना से होती है। सुर्पणखा को वासना कहा और
जो व्यक्ति वासना को काबू में नहीं रखते, समाज उनके नाक, कान काटते हैं।
रामायणजी की आरती डॉ. दिनेश सुखनंदन जोशी, जीवनलाल दिसावल, पं वासुदेव
शास्त्री, मनमोहन मंत्री, सुरेश देसवाली, पं. संतोष शर्मा ने की। आज 25
मार्च को सुबह 10 बजे कथा प्रारंभ होगी तथा 11.30 बजे राम जन्मोत्सव
मनाया जाएगा।