इस कारण देश में दो दिन मनेगी महाशिवरात्रि
पंचांगों में मतभेद के कारण इस बार महाशिवरात्रि पर्व मनाने की तारीख को लेकर संशय की स्थिति बन रही है। महानिशीथकाल को लेकर मतांतर के चलते पश्चिमी भारत में यह पर्व 13 फरवरी जबकि पूर्वी भारत में 14 फरवरी को मनाना शास्त्र सम्मत बताया जा रहा है।
ज्योतिर्विद श्यामजी अग्रवाल के मुताबिक पर्व को किस दिन मनाना है इसमें महानिशीथकाल की अहम भूमिका है। धर्मसिंधु में उल्लेख है कि यदि चतुर्दशी तिथि पर महानिशीथकाल दो दिन रहता है तब दूसरे दिन महाशिवरात्रि मनाई जानी चाहिए। इसके अलावा जब चतुर्दशी तिथि दूसरे दिन महानिशीथकाल के दौरान पूरे समय न हो तब पहले दिन दिन पर्व माना जाना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार भारत को पूर्वी और पश्चिम दो भागों में विभाजित किया गया है। इस बार चतुर्दशी तिथि 13 फरवरी मंगलवार को रात 10.35 बजे से 14 फरवरी बुधवार को रात 12.46 बजे तक रहेगी। पहले दिन महानिशीथकाल रात 12.14 से 1.02 बजे तक रहेगा जबकि दूसरे दिन रात 12.18 से 1.06 बजे तक होगा। ज्योतिर्विद देवेंद्र कुशवाह के मुताबिक इंदौर, उज्जैन, धार, मंदसौर, नीमच सहित पश्चिमी भारत में आने वाले सभी शहरों में महाशिवरात्रि 13 फरवरी को मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा।
कर्क और मकर वालों का भाग्योदय
पं. ओम वशिष्ठ के अनुसार शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान शिवलिंग रूप से पहली बार प्रकट हुए थे। ऐसी भी मान्यता है कि इस तिथि पर शिवजी का विवाह हुआ था। इस बार महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र रहेगा, जिसका स्वामी चंद्र है। चंद्रमा मकर राशि में है और ये शनि की राशि है। सूर्य भी शनि की राशि कुंभ में रहेगा। मंगल स्वराशि यानी वृश्चिक में रहेगा। यह संयोग खासतौर पर कर्क और मकर राशि के जातकों के लिए भाग्योदय का समय रहेगा। मिथुन और नु राशि वालों की परेशानी बढ़ सकती हैं। शेष राशियों का समय सामान्य रहेगा।