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अभिभावकों को आंगनवाड़ियों का महत्व बतायें खाद्य आयोग ने की महिला बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा


 

उज्जैन । मप्र राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री आरके स्वाई ने गत दिवस मेला
कार्यालय उज्जैन में आयोजित बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा में कहा कि अधिक से
अधिक बच्चों को लाभान्वित करने के लिये अभिभावकों को समय-समय पर आंगनवाड़ी केन्द्रों का महत्व
बताया जाये। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सुपरवाइजर्स का समय-समय पर नियमित प्रशिक्षण आयोजित किया
जाये तथा उन्हें संवेदनशील होकर कार्य करने के निर्देश दिये जायें। कुपोषण की समस्या से निपटने के लिये
अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन की मदद लेते हुए आंगनवाड़ी केन्द्रों में आ रहे
कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के प्रयास किये जायें। बैठक में आयोग के सभी सदस्यगण,
संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे आदि उपस्थित थे।
मापदण्ड अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र खोलें
जिन ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है, उनके लिये आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र के
प्रस्ताव राज्य शासन को भेजे जायें। साथ ही जिन ग्रामों में मापदण्ड अनुसार जनसंख्या नहीं है, उन्हें समीप
की आंगनवाड़ी से लिंक किया जाये तथा बच्चों को लाभान्वित किया जाये। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर ज्यादा से
ज्यादा जरूरतमन्द बच्चों को लाभान्वित किया जाना सुनिश्चित करें। साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा
जाये।
रिक्त पद अतिशीघ्र भरे जायें
बैठक में बताया गया कि उज्जैन जिले में 2127 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पद स्वीकृत हैं, जिनमें
से 28 रिक्त हैं। इसी प्रकार संभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के कुल 10 हजार 765 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से
147 रिक्त हैं। श्री स्वाई ने निर्देश दिये कि विज्ञापन जारी कर आंगनवाड़ी केन्द्रों पर रिक्त कार्यकर्ता,
आंगनवाड़ी सहायिका, सुपरवाइजर आदि के पद शीघ्र भरे जायें।
टेकहोम राशन नियमित रूप से वितरित हो
आंगनवाड़ी केन्द्रों में हितग्राहियों को पोषण आहार नियमित रूप से वितरित किया जाये। कुपोषित
बच्चों के अभिभावक/पालकों को लगातार समझाइश दी जाये और टेकहोम राशन के उपयोग हेतु प्रोत्साहित
किया जाये। श्री स्वाई ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में नाश्ता एवं भोजन अलग-अलग समय पर वितरित
किया जाये। नाश्ते में सूखा व तैयार नाश्ता बच्चों को दें, ताकि नाश्ते में विलम्ब न हो। साथ ही उन्होंने
अधिकारियों को भोजन व नाश्ते की पौष्टिकता व गुणवत्ता भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
टेकहोम राशन योजना को मातृत्व कल्याण योजना के साथ लिंक कर अधिक से अधिक गर्भवती
महिलाओं को बताया जाये कि किस प्रकार संतुलित आहार लेकर, होने वाले बच्चे को कुपोषण की समस्या से
बचाया जा सकता है।
समय-समय पर पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता भी चैक करें
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ियों में समय-समय पर निरीक्षण कर पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता
सुनिश्चित की जाये। सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रतिदिन नाश्ते व भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के
लिये कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा पोषण आहार चखकर बच्चों को प्रदाय किया जाये। गुणवत्ता में कमी
परिलक्षित होने पर सम्बन्धित स्व-सहायता समूह का अनुबंध निरस्त करने की अनुशंसा करें।

प्रत्येक गांव के लिये अलग स्व-सहायता समूह हों

बैठक में निर्देश दिये गये कि आंगनवाड़ियों में भोजन पकाने वाले स्व-सहायता समूह का समय-समय
पर निरीक्षण किया जाये, जिससे भोजन की गुणवत्ता व पौष्टिकता बरकरार रहे। साथ ही किसी भी स्व-
सहायता समूह को एक से अधिक गांवों की जिम्मेदारी न दी जाये। प्रत्येक गांव के लिये अलग-अलग स्व-
सहायता समूह हों।

अधिकारी सतत निरीक्षण करें

राज्य शासन की योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन के लिये सम्बन्धित अधिकारी गांवों में जाकर
निरन्तर निरीक्षण करते रहें। इसके लिये गठित की गई निगरानी समितियों की बैठकें नियमित रूप से
आयोजित की जायें। अधिकारी अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझते हुए अधिक से अधिक हितग्राहियों को
लाभान्वित करें।

सभी एनआरसी में शिशु रोग विशेषज्ञ की सेवाएं लेना सुनिश्चित करें

श्री स्वाई ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि समस्त एनआरसी में शिशु रोग विशेषज्ञ
चिकित्सकों की सेवाएं ली जायें और अतिकम वजन वाले बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाये। कुपोषण की
स्थिति में सुधार के लिये भोजन में दूध व विटामिन &#39;सी&#39; युक्त खाद्य पदार्थों को अनिवार्य रूप से शामिल
करें।

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