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हितग्राहियों और निगरानी समिति के सदस्यों के नाम राशन दुकानों पर चस्पा करायें


आंगनवाड़ी केन्द्रों में भोजन की गुणवत्ता, पौष्टिकता और स्वाद पर विशेष जोर दिया जाये
शिक्षक विद्यालय के बच्चों और अपने बच्चों में कोई अन्तर न करें –श्री स्वाई
राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष ने राशन दुकानों और आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया
    उज्जैन । मप्र राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री आरके स्वाई ने गुरूवार को महिदपुर और घट्टिया विकास खण्ड के विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों और शासकीय उचित मूल्य दुकानों का सघन निरीक्षण किया। इस दौरान सदस्य श्रीमती स्नेहलता उपाध्याय, जिला आपूर्ति नियंत्रक श्री आरके वाइकर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री संजय गोयल, महिदपुर एसडीएम श्री जगदीश गोमे एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
    सर्वप्रथम श्री स्वाई ने शासकीय उचित मूल्य दुकान नजरपुर का निरीक्षण किया। वहां मौजूद सहायक खाद्य नियंत्रक से बीपीएल और अन्त्योदय के सदस्यों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान के बाहर हितग्राहियों और निगरानी समितियों के नाम की सूची बड़े-बड़े अक्षरों में चस्पा की जाये। श्री स्वाई ने उचित मूल्य की दुकानों पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। ऐसे पात्र हितग्राही, जिनका नाम अभी तक सूची में नहीं जोड़ा गया है, उनके नाम शीघ्र जोड़ने के निर्देश दिये। समस्त हितग्राहियों के आधार कार्ड बन गये हों, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। जिनके आधार कार्ड न बने हों, उनके लिये समय-समय पर आधार कार्ड कैम्प लगाये जाने को कहा। अगले सात दिनों के अन्दर की गई कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन आयोग को भिजवाने के निर्देश भी दिये गये।
    अध्यक्ष श्री स्वाई ने शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय नजरपुर और समीप ही स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को स्पष्ट निर्देश दिये कि बच्चों के लिये बनाये जाने वाला भोजन उत्तम गुणवत्ता का हो। इसके साथ ही पौष्टिक और स्वादिष्ट भी बनना चाहिये, जिससे बच्चे पूरे मन से भोजन कर सकें। आंगनवाड़ी केन्द्रों में बनने वाले भोजन में मौसमी सब्जियों खासतौर पर हरी सब्जियों को विशेष स्थान दिया जाये। वर्तमान में सर्दी के मौसम के चलते आने वाली सभी हरी सब्जियां जैसे- पालक, मटर, टमाटर एवं अन्य पौष्टिक सब्जियां बच्चों के भोजन में सम्मिलित की जायें। पुलाव में मटर अधिक संख्या में सम्मिलित की जाये। भोजन में डलने वाले मसालों की गुणवत्ता भी श्रेष्ठ होनी चाहिये।
    श्री स्वाई ने निर्देश दिये कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में बनने वाले भोजन को शिक्षक और वहां के कार्यकर्ता पहले स्वयं चखें, उसके बाद बच्चों को भोजन करायें। बनने वाली सब्जियों में जीरा, राई और कड़ीपत्ता का तड़का अवश्य लगायें, जिससे बच्चों के भोजन में रूचि बढ़ सके। प्रतिदिन मेन्यु बदल कर बच्चों को भोजन कराया जाये। श्री स्वाई ने आंगनवाड़ी केन्द्रों में भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों की भी जानकारी प्राप्त की। विद्यालय के शिक्षकों से उन्होंने पूछा कि मध्याह्न भोजन का कोई रोस्टर विद्यालय में उपलब्ध है या नहीं। अगर नहीं है तो उसका एक व्यवस्थित रोस्टर बनाया जाये। शिक्षक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और अपने बच्चों में कोई अन्तर न करें। आंगनवाड़ी केन्द्रों में बनने वाले भोजन को इसी भावना से पकायें, जैसे वे अपने घर पर बनाते हैं। जिन विद्यालयों में रोस्टर नहीं है, वहां जिला शिक्षा अधिकारी को रोस्टर बनाने के निर्देश दिये गये।
    श्री स्वाई ने आंगनवाड़ी केन्द्रों में भोजन से पहले बच्चों के हाथ धुलाने के लिये पानी और साबुन की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। साबुन के लिये राशि कहां से प्राप्त होती है, इस बारे में भी जानकारी ली। श्री स्वाई ने स्थानीय बच्चों से मध्याह्न भोजन के बारे में प्रश्न पूछते हुए कहा कि उन्हें यहां पर किस प्रकार का भोजन मिलता है, खाने में कैसा लगता है आदि। श्री स्वाई ने आंगनवाड़ी केन्द्रों में साफ-सफाई पर विशेष जोर देने के निर्देश दिये। इसके अलावा जो बच्चे कुपोषित हैं, उनकी तरफ खास ध्यान दिये जाने को कहा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पालकों की समय-समय पर बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये और घर-घर जाकर बच्चों को चिन्हित करने को कहा। बच्चों को केन्द्र में भोजन कराने के पश्चात टिफिन में भी अनिवार्य रूप से भोजन रखकर देने के निर्देश दिये। बच्चों के पोषण के आधार पर लाल, पीला और हरी श्रेणी में आने वाले बच्चों की सूची केन्द्रों पर चस्पा करने के निर्देश दिये। नजरपुर के आंगनवाड़ी केन्द्र की सुपरवाइजर और परियोजना अधिकारी के द्वारा लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्यवाही करने को कहा।
    नजरपुर के पश्चात अध्यक्ष श्री स्वाई ने पानबिहार की शासकीय उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण किया। वहां निगरानी समिति के सदस्यों के बारे में सरपंच और रोजगार सहायक से जानकारी ली। दुकान में उन्होंने गेहूं और चावल के सेम्पल का भी निरीक्षण किया और वहां मौजूदा स्टाफ की जानकारी ली। बताया गया कि गांव में कुल 936 बीपीएल कार्डधारी और 132 अन्त्योदय हितग्राही हैं। निगरानी समिति की समय-समय पर बैठक आयोजित करने और समिति के द्वारा की गई कार्यवाही की व्यवस्थित रूप से प्रोसिंडिंग लिखे जाने के निर्देश श्री स्वाई ने स्थानीय अधिकारियों को दिये। ऐसे केन्द्र जहां निगरानी समिति अभी तक नहीं बनी है, वहां तुरन्त समिति का गठन किये जाने को कहा।
    श्री स्वाई ने राशन केन्द्रों पर निरीक्षण पंजी की भी जांच की। इसके साथ ही उन्होंने समिति को स्पष्ट निर्देश दिये कि केन्द्र पर आने वाले खाद्यान्न का व्यवस्थित रूप से निरीक्षण करें और इसका एक स्टॉक रजिस्टर बनाया जाये। खाद्यान्न का अग्रिम उठाव हुआ है या नहीं, यह भी देखा जाये। हर सामग्री की चेकलिस्ट बनाई जाये। श्री स्वाई ने सरपंच से पूछा कि जिन हितग्राहियों को खाद्यान्न आवंटन किया जाता है, उन्हें यदि किसी प्रकार की कोई शिकायत हो तो उसका शीघ्र निराकरण करवाया जाये। श्री स्वाई ने पानबिहार में भी स्पष्ट निर्देश दिये कि अब जन्म से लेकर मृत्यु उपरान्त तक आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है, इसलिये जिन लोगों का भी आधार कार्ड नहीं बना हो, उनका शीघ्रता से कार्ड बनवाया जाये। एक हितग्राही को पूरा अनाज निर्धारित मात्रा में मिल रहा है या नहीं, यह सुनिश्चित करें। इसके अलावा अपात्र व्यक्ति यानी ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, उनके नाम सूची से हटाये जायें। श्री स्वाई ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पात्र हितग्राही किसी भी स्थिति में छूटने नहीं चाहिये।
    जो सक्षम लोग स्वेच्छा से अपना गरीबी रेखा का कार्ड सरेण्डर करते हैं, उन्हें प्रमाण-पत्र बनवाकर सबके सामने सम्मानित किया जाये। स्व-सहायता समूहों के नाम भी केन्द्रों पर चस्पा किये जायें। राशन वितरण केन्द्रों में आईडी में जो भी तकनीकी समस्या आ रही है, उसका निराकरण करने हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा मुख्यालय में पत्र प्रेषित किये जायें। श्री स्वाई ने राशन वितरण केन्द्र के बाहर आम जनता से भी उन्हें मिलने वाली सुविधाओं और आने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके पश्चात पानबिहार के आंगनवाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया। केन्द्र में बच्चों के टीकाकरण हेतु बूस्टर और रिकार्ड संधारण आवश्यक रूप से किये जाने के निर्देश दिये। अतिकुपोषित बच्चों के उपचार हेतु उन्हें एनआरसी के अन्तर्गत भर्ती किये जाने के निर्देश दिये गये और उचित उपचार देने को कहा। किसी भी तरह की असुविधा होने पर कलेक्टर को अवगत कराने के निर्देश दिये गये। सभी केन्द्रों में प्रोटीन से भरपूर गुड़, चना और दलिया बच्चों को नियमित रूप से दिये जाने के निर्देश दिये।
    पानबिहार के शासकीय उर्दू प्राथमिक विद्यालय का भी निरीक्षण किया गया और वहां स्व-सहायता समूह के बारे में जानकारी प्राप्त की। भवन की खराब हालत पर शीघ्र-अतिशीघ्र उसे दुरूस्त करने को कहा। वहां बनाये गये भोजन में आशा अनुरूप गुणवत्ता नहीं पाये जाने पर श्री स्वाई ने नाराजगी व्यक्त की। बताया गया कि वहां के आंगनवाड़ी केन्द्र में सहारा स्व-सहायता समूह द्वारा भोजन बनाने का कार्य किया जाता है। श्री स्वाई ने समूह के प्रतिनिधियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिये कि भोजन की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें, अन्यथा उनका कॉन्ट्रेक्ट निरस्त कर दिया जायेगा।
    अध्यक्ष श्री स्वाई ने पानबिहार के पश्चात महिदपुर के समीप शासकीय प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। भोजन के पूर्व हाथ धोने के लिये पर्याप्त मात्रा में साबुन उपलब्ध नहीं होने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने केन्द्र में मौजूद कार्यकर्ता और स्थानीय शिक्षक को इसे शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। आंगनवाड़ी केन्द्र में पहुंचकर श्री स्वाई ने स्थानीय बच्चों से उन्हें दिये जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी ली। बताया गया कि उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र में जागृति स्व-सहायता समूह द्वारा भोजन बनाने का कार्य किया जाता है। आज वहां पर बच्चों को कड़ी-चावल दिया गया था। श्री स्वाई ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चावल के अलावा रोटी और दलिया भी समय-समय पर बच्चों को दी जाये। ताजा मटर की पुलाव में मात्रा अधिक हो। कडी में पकोड़े की मात्रा भी अधिक होनी चाहिये। हर बच्चे के हिस्से में कम से कम तीन से चार पकोड़े अवश्य होने चाहिये।
    इसके पश्चात श्री स्वाई ने समीप ही स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकान आक्याधागा का निरीक्षण किया। बताया गया कि आसपास के पांच गांव के मध्य यह एक ही दुकान है। इस दुकान से 381 बीपीएल कार्डधारियों को खाद्यान्न वितरण किया जाता है। राशन केन्द्र में आवश्यक व्यवस्थाएं न होने से श्री स्वाई ने समिति के प्रबंधक कैलाश जोशी और विक्रेता को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने पूछा कि विक्रेता कितने समय से कार्य कर रहा है, जिस पर बताया गया कि विगत एक वर्ष से विक्रेता कार्यरत है, परन्तु अभी तक उसे डाटा इंट्री मशीन का संचालन ठीक से नहीं आता है। इस पर श्री स्वाई ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए योग्य विक्रेता को केन्द्र पर रखे जाने के निर्देश दिये। उन्होंने साफ हिदायत दी कि राशन वितरण का कार्य उचित ढंग से किया जाये, अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जायेगी और दुकान भी किसी अन्य को आवंटित कर दी जायेगी। उन्होंने मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ये कोई धर्मशाला नहीं है, जिसमें अपनी मर्जी से कोई भी कार्य किया जाये। इसे जल्दी ही ठीक नहीं किया तो सख्त से सख्त कार्यवाही ऊपरी स्तर से की जायेगी।
    शासकीय उचित मूल्य की दुकान की अव्यवस्थाओं पर श्री स्वाई ने एसडीएम महिदपुर श्री गोमे को जांच करने के निर्देश दिये। श्री स्वाई ने बाहर मौजूद लोगों से पूछा कि दुकान कब-कब खोली जाती है तथा खाद्यान्न वितरण में उन्हें किसी भी तरह की कोई असुविधा तो नहीं हो रही है। किसी भी तरह की शिकायत होने पर सम्बन्धित अधिकारी से सम्पर्क करें। दुकान के बाहर ऑइल पेन्ट से मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, स्थानीय खाद्य अधिकारी और सहायक खाद्य अधिकारी के मोबाइल नम्बर आवश्यक रूप से चस्पा करवायें। अगले सात दिनों के अन्दर यह कार्यवाही की जाये, ताकि कार्यों में पारदर्शिता आ सके। दुकान में मौजूद स्टॉक भी प्रदर्शित किया जाये। राशन वितरण केन्द्र में मिट्टी का तेल और अनाज अलग-अलग स्थानों पर रखे जायें। केन्द्र में जिन-जिन स्थानों से खाद्यान्न आ रहा है, वहां के सेम्पल लें और समय-समय पर उसकी गुणवत्ता का परीक्षण करें। गेहूं और चावल तथा शकर का सेम्पल समय-समय पर लिया जाये। खाद्यान्न जहां से आ रहा है, उसकी पूरी जानकारी वितरण केन्द्र के संचालक रखें।        

 

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