बच्चों को जंकफूड, कार्टून से बचाओ
मातृ सम्मेलन में माताओं को ईश्वर के बराबर बताते हुए कहा बच्चों को संस्कार के साथ सेहत भी दें
उज्जैन। ईश्वर प्रत्येक व्यक्ति के साथ नहीं रह सकता इसलिए उसने मां की संरचना संसार में की। मां संस्कार के साथ बच्चों को सेहत भी दे। बच्चों को जंक फूड व भोजन के समय कार्टून देखने से बचाना चाहिये इसके लिए उनका ध्यान शारीरिक गतिविधि में लगाएं। उनके साथ विभिन्न प्रकार की बौध्दिक क्षमता तथा शारीरिक क्षमता बढ़ाने वाले खेल-खेले जा सकते हैं।
यह बात सरस्वती विद्या मंदिर महाकालपुरम में आयोजित मातृ सम्मेलन में मुख्य मुख्य वक्ता के रूप में लोकमान्य तिलक की पूर्व प्राचार्य अरूणा सारस्वत ने मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कही। सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन से हुआ। अतिथि परिचय वर्षा चौबे ने तथा कार्यक्रम की भूमिका प्राचार्य महेन्द्र भगत ने रखी। व्यक्तिगत गीत तनिशा सोनवाने ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्ष प्रीति चौहान ने माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में संस्कार बचपन में ही डाले जा सकते हैं। बड़े होने पर संस्कारित करने में वो बात ठीक प्रकार से नहीं समझ सकते। संचालन तृप्ति शर्मा ने किया एवं आभार अर्चना शर्मा ने माना। इस अवसर पर माताओं के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। इन प्रतियोगिताओं का शुभारंभ प्राचार्य महेन्द्र भगत ने किया। सभी माताओं ने उत्साहपूर्वक भागीदारी करते हुए पुरस्कार प्राप्त किये। कक्षा अंकुर से पांचवीं तक बच्चों की भी शारीरिक प्रतियोगिताएं हुई। पुरस्कार वितरण मातृशक्ति से करवाया गया।