अब इंदौर रैफर की जरूरत नहीं, उज्जैन में ही इलाज संभव
उज्जैन। गंभीर अवस्था में जिन मरीजों को इंदौर या शहर से बाहर अन्य बड़े शहरों में इलाज के लिए रैफर किया जाता था उनका इलाज अब उज्जैन में ही संभव हो गया है। डॉ. उमेश जेठवानी ने ऐसे मरीजों को जीवनदान दिया जिन्हें इंदौर रैफर कर दिया गया था और यदि उन्हें इंदौर तक ले जाते तो रास्ते में ही उनके जीवन पर संकट खड़ा हो सकता था।
असलम खान उम्र 33 वर्ष को दुर्घटना में पेर में गंभीर चोट आने के बाद उसे सिविल अस्पताल उज्जैन ले जाया गया। जहां से मरीज को आरडी गार्डी अस्पताल में रैफर कर दिया गया। आरडी गार्डी से मरीज को इंदौर रैफर कर दिया गया। मरीज के परिजन उसे उज्जैन में ही गुरूनानक अस्पताल लेकर आए। जहां असलम की जांच की तो उसका ब्लड प्रेशर 60/40 एमएमएचक्यू आ रहा था तथा मरीज की स्थिति बहुत गंभीर थी, उसके लीवर व आंतों में गंभीर चोट आई थी। डॉ. उमेश जेठवानी ने मरीज का तुरंत ऑपरेशन कर मरीज के पेट में जमा ढाई लीटर खून को निकाला और लीवर को रिपेयर किया तथा फटी हुई आंतों को निकालकर आंतों को फिर से जोड़ा। ऑपरेशन के बाद मरीज को आईसीयू में रखकर 6 बोतल खून चढ़ाया गया। वर्तमान में मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन जी रहा है।
इसी प्रकार सोहेल खान उम्र 14 वर्ष लंबे समय से दाएं पैर की जांघ में दर्द से परेशान था। कई जगह इलाज करवाने के बाद भी मरीज को दर्द में आराम नहीं होने पर मरीज के परिजन उसे श्री गुरूनानक अस्पताल में लेकर आए। जहां पर पता चला कि मरीज के पैर में ट्यूमर की गांठ निकली जो पैर की मुख्य नस को दबा रही थी। जिसका एकमात्र इलाज ऑपरेशन था। ऑपरेशन नहीं करने की स्थिति में मरीज की जान को खतरा हो सकता था। डॉ. उमेश जेठवानी ने मरीज के पैर का ऑपरेशन कर लिम्ब सालवेज सर्जरी कर गांठ को निकाला। जिसके बाद मरीज के पैर का दर्द पूर्ण रूप से खत्म हो गया है और मरीज सामान्य व्यक्तियों की तरह जी पा रहा है।