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स्वपोषी जिला स्तरीय छात्र सम्मेलन में छात्रों ने बताएं अपने अनुभव



उज्जैन। सरस्वती विद्यालय महाकालपुरम में स्वपोषी जिला स्तरीय छात्र
सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें करीब 250 स्वपोषी छात्र सम्मिलित हुए।
उद्घाटन सत्र में भरत व्यास द्वारा सरस्वती पूजन व दीप प्रज्जवलन कर
कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर विशेष रूप से अमोल जोशी,
हिम्मतसिंह जामलिया उपस्थित थे। मां सरस्वती की वंदना के पश्चात अतिथि
परिचय सरस्वती विद्या मंदिर मारूतिगंज प्राचार्य जगदीश सुखवाल ने दिया।
स्वागत पूर्व छात्र अनुराग ढमढेरे व संजयसिंह गेहलोत द्वारा किया गया।
भूमिका हिम्मतसिंह जामलिया द्वारा प्रस्तुत की गई। अमृत वचन पूर्व छात्र
अनुराग आचार्य तथा व्यक्तिगत गीत तरूण सांखला द्वारा प्रस्तुत किया गया।
भरत व्यास ने अतिथि उद्बोधन में कहा कि विद्यालय द्वारा अर्जित ज्ञान एवं
संस्कारों को अपने जीवन के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों तक फैलाएं,
उन्हें जागृत करें एवं यथासंभव विद्यालय की शिक्षण पध्दति का प्रचार
प्रसार का दायित्व आप सभी उठाए। अध्यक्षीय उद्बोधन में अमोल जोशी ने सभी
छात्रों को संस्कारक्षम वातावरण जीवन में बनाए रखने हेतु प्रोत्साहित
किया। कार्यक्रम के चर्चा सत्र में विभागशः प्राचार्यों द्वारा
भैया-बहिनों से चर्चा की गई। समापन समारोह में अतिथि अनुराग जैन थे तथा
अध्यक्षता आशुतोष मीणा ने की। प्राचार्य जगदीश सुखवाल, भरत व्यास उपस्थित
रहे। अतिथियों का परिचय सरस्वती विद्या मंदिर ऋषिनगर प्राचार्य राजेश
त्रिवेदी द्वारा दिया गया। स्वागत पूर्व छात्र ब्रजेष पंड्या व रवि
फरक्या द्वारा किया गया। कार्यक्रम का प्रतिवेदन जगदीश सुखवाल द्वारा
प्रस्तुत किया गया। व्यक्तिगत गीत सौरभ खांडेकर द्वारा प्रस्तुत किया
गया। भैया, बहिनों ने अपने-अपने अनुभव प्रस्तुत किये जिसमें उन्होंने कहा
कि सरस्वती शिशु मंदिर के संस्कारों की अमिट छाप आज भी हमारे मन मस्तिष्क
में विद्यमान है। अनुराग जैन ने भैया, बहिनों से आव्हान किया कि वे जहां
भी रहे वहां अपना समय निकालकर संस्था को यथासंभव सहयोग देते रहें। संचालन
अभिषेक भारद्वाज ने किया एवं आभार रितेश सोनी ने माना।

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