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निजी कॉलेजों को मान्यता के लिए नहीं लगाना पड़ेंगे चक्कर


Ujjain @ उच्च शिक्षा विभाग ने निजी और सरकारी कॉलेजों की संबद्धता और नए विषय शुरू करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए तकनीक का सहारा लिया है। अब निजी कॉलेजों को अपनी संबद्धता और नए विषय शुरू करने के लिए विवि और उच्च शिक्षा विभाग के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। न ही फाइल आगे बढ़ने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। संबद्धता और नए विषय शुरू करने की फाइल आने के बाद निरीक्षण की सीडी बनाने, दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने और पोस्ट करने के नाम पर प्रक्रिया को टाला जा सकेगा। जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को सीधे मिल जाएगी और प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुछ ही समय में मान्यता, संबद्धता और नए विषय शुरू करने के आदेश जारी हो जाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने 18 दिसंबर तक निजी कॉलेजों के प्रकरण इस सॉफ्वेयर पर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

 

ऐसा है सॉफ्टवेयर @ उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक संबद्धता और नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए निजी और सरकारी कॉलेजों में उपलब्ध व्यवस्थाओं का ऑन स्पॉट निरीक्षण किया जाना है। निरीक्षण कर्ता अधिकारी के मोबाइल में यह साफ्टवेयर अपलोड होगा। निरीक्षण के साथ ही एनओसीएमएस साफ्टवेयर से कॉलेज की व्यवस्थाओं के फोटो, जरूरी दस्तावेज उच्च शिक्षा को ऑनलाइन माध्यम से भेजे जाएंगे। इससे प्रक्रिया में लगने वाला समय और खर्च कम होगा।

 

यह है समस्या

अधिकांश निरीक्षण कर्ता अधिकारी टेक्नो फ्रेंडली नहीं है, ऐसे में मोबाइल पर साॅफ्टवेयर से निरीक्षण रिपोर्ट भेजना मुश्किल काम होगा।

मोबाइल फोन के कैमरे में अच्छी क्वालिटी के कैमरे नहीं होने के कारण सही फोटो साफ्टवेयर पर अपलोड नहीं हो पाएंगे।

इंटरनेट और सर्वर समस्या से साफ्टवेयर सपोर्ट नहीं करने की स्थिति में ऑन स्पॉट वेरीफिकेशन में देरी हो रही है।

 

यह होगा लाभ

निजी कॉलेजों को संबद्धता और नए विषय शुरू करवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे।

दस्तावेजी प्रक्रिया में लगने वाला समय और दस्तावेजों को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजने में होने वाला खर्च नियंत्रित होगा।

निरीक्षण में वीडियो, फोटोग्राफी जैसी सुविधाओं के लिए किया जाने वाला खर्च नहीं होगा।

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