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Home - उज्जैन << प्रदेश का पहला स्कुल जन्हा प्राचार्य ने बंजर पड़ी जमींन को बनाया उपजाऊ , मिड डे मिल की सब्जियों और अन्य फलो की खेती स्कुल में ही हो रही है ,

प्रदेश का पहला स्कुल जन्हा प्राचार्य ने बंजर पड़ी जमींन को बनाया उपजाऊ , मिड डे मिल की सब्जियों और अन्य फलो की खेती स्कुल में ही हो रही है ,


एक दर्जन से अधिक सब्जिया और फलो की  ऑर्गेनिक खेती कर बच्चे उपयोग करते है सब्जिया और फल  
मध्य प्रदेश का पहला स्कूल जहां मध्यान भोजन में बच्चे खुद  स्कुल परिसर में खेती कर सब्जिया और फल उगा रहे है  . प्राचार्य ने बंजर भूमि को किया उपजाऊ और उस जमीन पर कर दी ताजी सब्जी सब्जियों बोनी .  आज स्कूल परिसर में   आधा दर्जन से अधिक सब्जियों की खेती हो रही है देश भर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सफाई अभियान की बात चल रही है लेकिन अगर सही मायने में  सफाई अभियान को सार्थक बनाया है तो  उज्जैन के पास  रामवासा गाँव  में  माध्यमिक स्कुल के प्राचार्य  कृष्ण गोपाल तिवारी और स्कुल के बच्चो ने  . पांच बीघा  जमींन   के बिच बने  माध्यमिक स्कूल परिसर में   गाँव वाले  शोच और अपने गाय बेल बांधकर  गंदगी करते थे . लेकिन स्कूल के प्राचार्य  और बच्चो ने मिलकर  स्कूल परिसर की पांच एकड़  बंजर जमींन  पर  खेती करना शुरू कर दिया . और आज हालत ये है की एक महीने में 30 से 40 किलो सब्जिया फल  बड़े पेड़ हरे भरे पोधे और मध्यान भोजन की सब्जिया भी स्कुल परिसर में उगाई जा रही है . जैविक खेती से उगने वाली सब्जियों से बच्चो पर बुरा प्रभाव भी नहीं पड रहा है  स्कुल परिसर स्वच्छ भी रहने लगा है बिना किसी सरकारी मदद के स्कुल के प्राचार्य ने जो सराहनीय कदम स्कुल और  बच्चो के लिए उठाया है वो उन   स्कुलो के लिए बड़ी प्रेरणा जो सरकारी मदद के नाम का रोना लेकर काम नहीं कर पाते है . .
उज्जैन के ग्राम रामवासा की सरकारी पांच एकड़  जमीन  पर बने माध्यमिक स्कुल रामवासा आज  सुन्दर पेड़ पोधे सब्जियों  और हरियाली पर्यावरण के सुखद  और सुन्दर  प्रकति के बिच  लग रहा है . एक समय था जब गाँव वाले और गाँव के जानवर  स्कुल परिसर की जमींन  को गन्दा करके रखते थे लेकिन मन में स्वछता  को रख कर  स्कूल के प्राचार्य और शिक्षक के साथ मिलकर 156   बच्चो ने भी साथ दिया और धीरे धीरे एक एक कर  परिसर में सब्जिया पेड़ पोधे फल लगाना शुरू किये आज रामवासास्कुल आकर्षण का केंद्र है और किस तरह अपनी मेहनत से उजाड़ गंदे परिसर को स्वच्छ और सुन्दर बनाने के साथ साथ कमाई का जरिया बनाया आप खुद देखिये . रामवासा के स्कुल में आज 5 एकड़ जमींन पर  102 अमरुद ,लोकी ,बेंगन , मैथी , धनिया , कुपोषण रोकने के लिए सुरजने की फली ,केले , तुलसी नीम ,गुलर , पीपल , मीठा नीम ,   पपीता , सहित कई प्रकार की सब्जियो की खेती  स्कुल परिसर में ही कर रहे है इसके आलावा स्कुल में  पड़ने वाले 80 बच्चो ने नए  लगाए गए पोधो को गोद भी लिया है  जब तक वे गाँव में रहेंगे तब तक पौधो की सुरक्षा भी करेंगे . सब्जिया और फलो की खेती भी जैविक खेती के रूप में हो रही है जिसके लिए बाकायदा 15 किलो गाय  का गोबर , 15 किलो गाय का मूत्र ,2 किलो बेसन और गुड का घोल से खाद   बनाकर खेती की जा रही है जिससे कीटनाशक दवाई  के बुरे असर से बच्चो का  बचाया जा सके . आज माध्यमिक रामवासा स्कुल में कुल 156  बच्चे है जिसमे से 48 बच्चे मिडिल , प्राथमिक में 83 और 25 बच्चे आंगनवाडी में है , स्कुल के प्राचार्य    कृष्ण गोपाल तिवारी  ने जब इस स्कुल में ज्वाइन किया तब गंदगी का ढेर लगा था लेकिन तिवारी का जूनून ही था की महज दो साल के अन्दर स्कुल परिसर की दशा ही बदल दी और आज पूरा स्कुल परिसर पर्यवरण सुरक्षा का मापदंड बन चुका है 

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