उज्जैन में एलिम्को द्वारा निर्मित किया जा रहा है कृत्रिम अंग उपकरण निर्माण केन्द्र केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री गेहलोत ने बैठक में निर्माण कार्य की समीक्षा की
उज्जैन। एलिम्को द्वारा उज्जैन में द्रूत गति से कृत्रिम अंग उपकरण निर्माण केन्द्र निर्मित किया जा रहा है। इस केन्द्र पर दिव्यांगों के लिये कृत्रिम अंग, सहायक अंग तथा उपकरणों का उत्पादन व्यापक पैमाने पर किया जायेगा। प्रदेश में एलिम्को द्वारा अपना दूसरा इस प्रकार का केन्द्र उज्जैन में निर्मित किया जा रहा है। भवन तथा अधोसंरचना निर्माण की समीक्षा आज शुक्रवार को केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत ने बैठक में की। उन्होंने निर्माण एजेन्सी को निर्देश दिये कि भवन निर्माण आगामी 15 जनवरी के पूर्व पूर्ण करके एलिम्को के सुपुर्द करें। आगामी 18 मार्च को इस केन्द्र का शुभारम्भ किया जायेगा। इस बैठक में विधायकद्वय डॉ.मोहन यादव, श्री अनिल फिरोजिया, नगर निगम सभापति श्री सोनू गेहलोत, श्री श्याम बंसल, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, विभाग के संयुक्त सचिव डॉ.प्रबोध सेठ, एलिम्को के सीएमडी श्री डीआर सरीन, प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री विनोद गोपाल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में केन्द्रीय मंत्री ने केन्द्र के निर्माण की अद्यतन स्थिति से अवगत होते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि नियत समय-सीमा में भवन का निर्माण पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें। इसकी गुणवत्ता के लिये वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर अपने निरीक्षण करते रहें। निर्माण में कोई भी बाधा परिलक्षित होती है तो उसका निवारण तत्काल उच्च स्तर से किया जाये। केन्द्र के लिये आवश्यक तकनीशियनों, दक्ष व्यक्तियों तथा अन्य स्टाफ के लिये प्रस्तावों को समय-सीमा में अनुमोदित किया जाकर कोई कमी नहीं रखी जायेगी। मध्य प्रदेश में जबलपुर के पश्चात उज्जैन में एलिम्को द्वारा निर्मित किया जाने वाला प्रदेश का यह दूसरा केन्द्र होगा, जहां दिव्यांगों के लिये कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरणों का निर्माण व्यापक पैमाने पर किया जायेगा। उज्जैन में देवास रोड के समीप निर्मित किये जा रहे इस केन्द्र पर ट्रायसिकल, व्हील चेयर्स, मोटराईज्ड ट्रायसिकल, वॉकर, ट्रायपॉड, टेट्रापॉड, वॉकिंग स्टिक इत्यादि बनाये जायेंगे।
करोड़ों रूपये की लागत से निर्मित किये जा रहे इस कृत्रिम अंग उपकरण निर्माण केन्द्र का 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। भवन निर्माण के साथ ही अधोसंरचना निर्माण भी किया जा रहा है। असेंबली निर्माण, पावडर कोटिंग सिस्टम, फेब्रिकेशन, रॉ मटेरियल स्टोरेज, ग्राउण्ड वर्क इत्यादि का बड़ा हिस्सा निर्मित किया जा चुका है। इस केन्द्र पर विभिन्न अंग उपकरणों के वार्षिक निर्माण के लक्ष्य के मुताबिक वर्ष 2018-19 में 20 हजार ट्रायसिकल, 15 हजार व्हील चेयर्स, छह हजार मोटराईज्ड ट्रायसिकल, निर्मित किये जायेंगे। इसके अलावा 30 हजार एक्झिला क्रच, छह हजार वॉकर, 12 हजार एल्बोक्रच, 16 हजार वॉकिंग स्टिक, 12 हजार ट्रायपॉड टेट्रापॉड बनाये जाने का वार्षिक लक्ष्य तय किया गया है। तय लक्ष्य के अनुसार ही उच्च स्तरीय क्षमता व गुणवत्ता की मशीनरी स्थापित की जायेगी।
उज्जैन में बन रहे कृत्रिम अंग उपकरण निर्माण केन्द्र से स्थानीय व्यक्तियों को भी रोजगार मुहैया हो सकेगा। इसमें सिक्योरिटी गार्ड, मजदूर तथा अन्य कार्यों द्वारा स्थानीय युवा रोजगार पा सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि केन्द्र को प्रारम्भ करने के लिये शुरूआत में उत्तर प्रदेश के कानपुर से दक्ष एवं अनुभवी व्यक्तियों की टीम आकर कार्य करेगी। इसके पश्चात दक्ष स्टाफ को तैयार करने का एक सिलसिला शुरू होगा, जो आगे केन्द्र पर उत्पादन कार्य को निरन्तर जारी रखेगी। इसके अलावा अधिकारियों तथा अन्य स्टाफ की भी तैनाती की जायेगी। इसके पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने परिसर में भ्रमण कर निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया।