वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिये निर्देश जारी पेट्रोल पंपों को होगा सघन निरीक्षण
उज्जैन। राज्य शासन ने दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण और अदृश्यता
जैसे स्थिति का मध्यप्रदेश में विस्तार रोकने के प्रयास शुरू किये है। मिलावटी पेट्रोल, डीजल केरोसिन आदि
से भी काफी प्रदूषण होता है। इसे रोकने के लिये पेट्रोल पंपों का सघन निरीक्षण होगा। साथ ही शासकीय
अशासकीय संस्थाओं और आम जनता की भागीदारी से अधिक से अधिक पौध रोपण कर प्रदूषण मुक्त
वातावरण निर्माण का प्रयास किया जायेगा। प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री अनुपम राजन ने सभी कलेक्टरों और
नगर निगम, नगर पालिका परिषद के आयुक्त तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी को इस संबंध में दिशा-निर्देश
जारी कर दिये हैं।
15 साल से पुराने वाहन प्रतिबंधित होंगे
सघन आवागमन वाले क्षेत्रों में 15 साल से पुराने वाहन एवं आटो रिक्शा को प्रतिबंधित किया जाएगा।
ताकि इन क्षेत्रों में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में कमी आए। भीड़-भाड़ वाले ट्रेफिक के क्षेत्रों में वाहनों की
संख्या नियंत्रित करने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था होगी। वाहनों की गति से भी धूल का उत्सर्जन होता है।
कलेक्टरों से कहा गया है कि वाहनों के रखरखाव एवं इंजन की ट्यूनिंग के लिये प्रचार माध्यमों से जन
जागृति लायें। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी नियमित रूप से प्रदूषण जाँच केन्द्रों का निरीक्षण करेंगे और
यातायात पुलिस,वाहनों के पी.यू.सी. सर्टिफिकेट की जाँच कर वाहन मालिकों को वाहनों के सही रखरखाव और
मरम्मत के लिये प्रेरित करेंगे।
सघन चौराहों पर इंजन बंद करें
एक मिनट से अधिक ट्रेफिक सिग्नल वाले चौराहों पर वाहनों के इंजन से अधिक उत्सर्जन होने के
कारण प्रदूषण की मात्रा भी अधिक होती है। अत: लोगों को इंजन को बंद कर पीला सिग्नल होने पर पुन:
इंजन चालू करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। व्यवसायिक गतिविधियों (लोडिंग-अनलोडिंग) एवं भारी वाहनों
के शहर में प्रवेश को नियंत्रित किया जायेगा।
खुले में नहीं जलेगा कचरा
राज्य शासन ने सभी जिलों में नगरीय ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाने पर रोक लगा दी है। शहरों में
होने वाले निर्माण कार्य के कारण धूल उड़ने से रोकने के लिये जल छिड़काव, कार्टन आदि की व्यवस्था करने
के निर्देश दिये गए हैं। सड़क किनारे स्थित पेड़ पौधों और फुटपाथ पर नियमित जल छिड़काव होगा।
अत्यधिक सघन यातायात वाली सड़कों एवं फुटपाथ आदि की नियमित साफ-सफाई और नगरीय ठोस
अपशिष्टों का नियमित संग्रहण एवं परिवहन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये है ताकि सड़कों के
किनारे कचरा इकट्ठा न हो सके।
नरवाई जलाने पर रोक
निर्देशों में कहा गया है कि खेती के बाद शेष बचे डूंड, ढंठल, भूसा आदि को खेतों में जलाने की
घटनाओं पर निगरानी रखते हुए इन्हें पूरी तरह से रोकें। डीज़ल जनरेटर सेट का अनावश्यक उपयोग रोकें।
सड़कों की मरम्मत एवं निर्माण के दौरान धूल कणों को फैलने से रोकने के लिये कारगर उपाय करें। भवन
आदि के मरम्मत कार्यों से निकलने वाले मलबे का निपटारा इस तरह के कराये, कि आस-पास के क्षेत्र में
धूल न फैले।